उदयपुर. जिले में तहसीलों के हाल खराब है। तहसीलदार की कुर्सी खाली पड़ी है। आम आदमी हो या किसान राजस्व के काम अटके पड़े है। उदयपुर जिले में 15 में से 10 तहसीलों में तहसीलदार ही नहीं है। नायब तहसीलदार काम के बोझ से दबे पड़े हैं। हालात ऐसे हो गए है कि जिला प्रशासन के पास आए दिन तहसीलदार के खाली पदों से होने वाली समस्याएं आ रही है लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने इन पदों पर तहसीलदार नहीं लगाए है।
बाकी तहसीलदार व नायब तहसीलदार में बंटे रहते काम
बाकी तहसीलदार व नायब तहसीलदार में बंटे रहते काम
तहसीलदार व नायब तहसीलदार दोनों के होने से उनके पास उस तहसील के आधे-आधे पटवार मंडल बंटे रहते हंै। अब तहसीलदार नहीं है तो सारा काम नायब तहसीलदार के पास होते हैं। वे वैसे ही काम के बोझ से दबे और ऊपर से दूसरे पटवार मंडल भी उनके पास। सरकारी मीटिंगों और मौका निरीक्षण में जाते तो तहसील में नहीं मिलेंगे और तहसीलदार की सीट खाली।
प्रशासनिक प्रबंधन में परेशानियां बढ़ी
तहसीलदार के पद खाली होने से खातेदार अधिकार, कन्वर्जन, रास्तों के मामले, अतिक्रमण, कोर्ट के बंटवारे के आदेशों, किसानों से जुड़े मामले आदि कामों में उलझन बनी हुई रहती है। पटवार मंडलों से तहसील भेज जाने वाली फाइले भी अटकी पड़ी है। तहसीलदारों के पद रिक्त होने से प्रशासनिक प्रबंधन को लेकर भी परेशानियां बढ़ गई है। वल्लभनगर विधानसभा में तो उप चुनाव के चलते अब वहां चार तहसीलें हो गई, लेकिन चारों में तहसीलदार के पद खाली है। वहां भींडर, कानोड़, वल्लभनगर व कुराबड़ में तहसीलदार नियुक्त नहीं कर रखा है। नायब तहसीलदार भी भींडर व कुराबड़ में ही है। इस संबंध में वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर तो राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार से भी मिलकर आए और तहसीलदारों की नियुक्ति कराने की मांग की।
इन तहसीलों को छोड़ सबमें तहसीलदार नहीं
तहसीलदार के पद खाली होने से खातेदार अधिकार, कन्वर्जन, रास्तों के मामले, अतिक्रमण, कोर्ट के बंटवारे के आदेशों, किसानों से जुड़े मामले आदि कामों में उलझन बनी हुई रहती है। पटवार मंडलों से तहसील भेज जाने वाली फाइले भी अटकी पड़ी है। तहसीलदारों के पद रिक्त होने से प्रशासनिक प्रबंधन को लेकर भी परेशानियां बढ़ गई है। वल्लभनगर विधानसभा में तो उप चुनाव के चलते अब वहां चार तहसीलें हो गई, लेकिन चारों में तहसीलदार के पद खाली है। वहां भींडर, कानोड़, वल्लभनगर व कुराबड़ में तहसीलदार नियुक्त नहीं कर रखा है। नायब तहसीलदार भी भींडर व कुराबड़ में ही है। इस संबंध में वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर तो राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार से भी मिलकर आए और तहसीलदारों की नियुक्ति कराने की मांग की।
इन तहसीलों को छोड़ सबमें तहसीलदार नहीं
गिर्वा
मावली
सलूंबर
लसाडिय़ा
केशरियाजी
तीन उपखंड मुख्यालयों पर एसडीओ ही नहीं बडग़ांव
झाड़ोल
लसाडिय़ा तहसीलों को लेकर खास बातें
– बाकी तहसीलों में तहसीलदार की कुर्सी खाली पड़ी है, वहां नायब तहसीलदारों को चार्ज दे रखा है।
– झाड़ोल व कोटड़ा में तो एक ही झाड़ोल के नायब तहसीलदार को जिम्मा दे रखा है।
– वैसे देखा जाए तो कुराबड़ व नयागांव भी नवीन क्रमोन्नत तहसीलें है जहां भी तहसीलदार अभी नहीं लगाए गए है।
मावली
सलूंबर
लसाडिय़ा
केशरियाजी
तीन उपखंड मुख्यालयों पर एसडीओ ही नहीं बडग़ांव
झाड़ोल
लसाडिय़ा तहसीलों को लेकर खास बातें
– बाकी तहसीलों में तहसीलदार की कुर्सी खाली पड़ी है, वहां नायब तहसीलदारों को चार्ज दे रखा है।
– झाड़ोल व कोटड़ा में तो एक ही झाड़ोल के नायब तहसीलदार को जिम्मा दे रखा है।
– वैसे देखा जाए तो कुराबड़ व नयागांव भी नवीन क्रमोन्नत तहसीलें है जहां भी तहसीलदार अभी नहीं लगाए गए है।