श्रावण अधिकमास का समापन, पर्वों की शुरुआत, जानिए कब लगेगा अगला अधिकमास
मंदिर का मुख्य पुजारी हर्षुल शर्मा, जो 14 वर्ष का है। स्कूल जाने से पूर्व सुबह जल्दी उठकर और शाम को मंदिर में पूजा-अर्चना और आरती का जिम्मा संभालता है। हर्षुल के इस कार्य में मोहल्ले के हर घर के करीब एक दर्जन बच्चे पारंपरिक परिधान में मंदिर से जुड़े सभी कार्यकलापों में कंधे से कंधा मिलाकर हाथ बंटाते हैं। इस मंदिर में वरिष्ठ लोग और मंदिर समिति के सदस्य सिर्फ अर्थ से जुड़ी व्यवस्था देखते हैं।
1998 में मिला शिवलिंग: उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ ने बताया कि वर्ष 1998 में नागपंचमी के दिन बेदला नदी में खुदाई के दौरान इसका प्राकट्य हुआ। गांव के श्रद्धालुओं ने इसे सार्वजनिक चबूतरे पर स्थापित कर दिया। करीब 17 वर्ष बाद 2015 में जन सहयोग से मंदिर बना। पिछले वर्ष सूरजकुंड के संत अवधेशानंद के हाथों इस नव निर्मित मंदिर में शिवलिंग को प्रतिष्ठित किया गया।