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उदयपुर

राजस्थान चुनाव 2023: सियासत में दबदबा, 2 परिवारों के इर्द- गिर्द घूमती रही कई सीटों की राजनीति

राजस्थान विधानसभा चुनाव में कुछ दिन शेष बाकी है। चुनावी चौसर जम चुकी है। प्रदेश की कई सीटें हैं, जिन पर इस बार के टिकट बंटवारे में भी चुनिंदा परिवारों को मौका दिया गया है।

उदयपुरNov 13, 2023 / 10:30 am

Nupur Sharma

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पंकज वैष्णव
Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव में कुछ दिन शेष बाकी है। चुनावी चौसर जम चुकी है। प्रदेश की कई सीटें हैं, जिन पर इस बार के टिकट बंटवारे में भी चुनिंदा परिवारों को मौका दिया गया है। प्रदेश की 10 से ज्यादा ऐसी सीटें हैं, जहां दो परिवारों के इर्द-गिर्द राजनीति घूम रही है। इन सीटों में वल्लभनगर, धरियावद, भीम, सहाड़ा, कुम्हेर, धौलपुर, जायल, डेगाना, किशनगंज, कोलायत, नावां शामिल है। जहां अर्से से आमने-सामने हो रहे परिवार इस बार भी चुनाव मैदान में है।

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विस सीट- धरियावद
राजनीतिक परिवार- दोनों मीणा परिवार
कितने साल से- 25 साल
अभी चुनाव मैदान में- कांग्रेस से नगराज मीणा, भाजपा से कन्हैयालाल मीणा
अब तक की स्थिति- 1998 से कांग्रेस से नगराज मीणा और भाजपा से गौतमलाल मीणा आमने-सामने रहे हैं। 3 बार गौतम लाल ने और 3 बार नगराज मीणा ने जीत दर्ज की। 2021 में विधायक गौतमलाल मीणा का निधन हो गया था। इसके बाद खेतसिंह मीणा को टिकट दिया। कांग्रेस के नगराज मीणा ने तीसरी जीत दर्ज की।


विस- वल्लभनगर
कितने साल से- 20 साल
राजनीतिक परिवार – शक्तावत और भींडर परिवार
चुनाव मैदान में- कांग्रेस से प्रीति शक्तावत,ज.सेना से दीपेंद्र कुंवर
अब तक स्थिति- गुलाबसिंह शक्तावत पहली बार 1957 में कांग्रेस से विधायक बने। वे 6 बार विधायक रहे। 2003 में रणधीर सिंह भींडर भाजपा से विधायक चुने गए। 2008 में गुलाबसिंह के पुत्र गजेन्द्रसिंह, फिर 2013 में रणधीरसिंह, 2018 में गजेंद्रसिंह और उपचुनाव में उनकी पत्नी प्रीति शक्तावत विधायक बनी।

विस- भीम
राजनीतिक परिवार- दोनों रावत परिवार
कितने साल से- 65 साल
चुनाव मैदान में- कांग्रेस से सुदर्शन सिंह रावत, भाजपा से हरिसिंह रावत
अब तक स्थिति- 1957 में नंदावट के फतेहसिंह रावत और 1962 में लक्ष्मी चुण्डावत, 1972 में कांग्रेस से चिमनसिंह भाटी, 1977 में फतेहसिंह, 1980 में लक्ष्मी कुमारी, 1985 में लक्ष्मणसिंह, 1990 में मान्धाता सिंह विधायक चुने गए। 1995 व 1998 में लक्ष्मणसिंह, वर्ष 2003 से 2013 तक तीन बार हरिसिंह रावत विधायक बने।

विस- किशनगंज
राजनीतिक परिवार- सहरिया व मीणा परिवार
कितने साल से- 38 साल से आमने-सामने
अभी चुनाव मैदान में- निर्मला सहरिया व ललित मीणा
अब तक स्थिति- 1985 में हीरालाल सहरिया, 1990 में भाजपा के हेमराज, 1993 व 1998 में हीरालाल, 2003 में हेमराज विधायक रहे। हीरालाल के निधन पर पुत्री निर्मला सहरिया 2008 में विधायक बनी। 2013 में हेमराज के पुत्र ललित मीणा ने निर्मला की मां चतरी बाई को हराया। फिर 2018 में निर्मला ने ललित मीणा को हराया।

विस- कोलायत
राजनीतिक परिवार- दोनों भाटी परिवार
कितने साल से- 20 साल से आमने-सामने
अभी चुनाव मैदान- कांग्रेस के भंवरसिंह, भाजपा से पूनम कंवर
अभी तक की स्थिति- 2003 में भंवरसिंह भाटी के पिता रघुनाथ सिंह और देवीसिंह भाटी आमने-सामने थे, जिसमें देवीसिंह जीते। 2008 में फिर रघुनाथ सिंह को देवीसिंह ने हराया। 2013 में भंवरसिंह और देवीसिंह आमने-सामने थे, भंवरसिंह जीते। 2018 में भंवरसिंह ने देवीसिंह की पुत्रवधु पूनम कंवर को हराया।

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विस- नावां
राजनीतिक परिवार- दोनों चौधरी परिवार
कितने साल से- 15 साल से
अभी चुनाव मैदान- कांग्रेस के महेन्द्र चौधरी, भाजपा से विजयसिंह चौधरी
अब तक स्थिति- 1972 में कांग्रेस से रामेश्वरलाल चौधरी विधायक बने, जो 4 बार विधायक बने। 1985 में हरीश कुमावत विधायक चुने गए, जो चार बार विधायक बने। 2008 में कांग्रेस से महेन्द्र चौधरी और 2013 में विजयसिंह चौधरी भाजपा से विधायक बने। इसके बाद कांग्रेस से महेंद्र और भाजपा से विजयसिंह विधायक बनते रहे।

विस- डेगाना
राजनीतिक परिवार- किलक व मिर्धा परिवार
कितने साल से- 20 साल से
अभी चुनाव मैदान में- भाजपा के अजयसिंह किलक व कांग्रेस के रिछपालसिंह मिर्धा
अब तक की स्थिति- शुरुआत में 3 बार कांग्रेस से गौरी पूनिया विधायक बनी। 1972 में रामरघुनाथ चौधरी 2 बार कांग्रेस से विधायक बने। 1980 में कांग्रेस आई से गौरी पूनिया को पराजित होना पड़ा। 1990 से 2003 तक रिछपालसिंह मिर्धा और 2008 व 2013 में रामरघुनाथ चौधरी के पुत्र अजयसिंह किलक विधायक रहे।

विस- जायल
राजनीतिक परिवार- बाघमार व मेघवाल परिवार
कितने साल से- 20 साल से
अभी चुनाव मैदान में- भाजपा की मंजू बाघमार व कांग्रेस की मंजू मेघवाल
अब तक की स्थिति- 1977 में कांग्रेस के मांगी लाल विधायक बने। 1993 और 1998 में कांग्रेस का कब्जा रहा, 2003 में भाजपा, 2008 में कांग्रेस, 2013 में बीजेपी और 2018 में फिर कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की। 2008 में मंजू मेघवाल, 2013 के मंजू बाघमार विधायक बनी। इसके बाद 2018 में फिर कांग्रेस की मंजू मेघवाल विधायक बनी।

विस- धौलपुर
राजनीतिक परिवार- दोनों कुशवाह परिवार
कितने साल से- 10 साल से
अभी चुनाव मैदान में- कांग्रेस ने शोभारानी कुशवाह, भाजपा से शिवचरण कुशवाह
अब तक की स्थिति- शिवचरण कुशवाह रिश्ते में शोभरानी के जीजा हैं। वर्ष 2018 में भी दोनों प्रत्याशी आमने-सामने हो चुके हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि उस समय शोभारानी भाजपा और शिवचरण कुशवाह कांग्रेस से प्रत्याशी थे। शोभारानी कुशवाह की जीत हुई थी। इस बार भी दोनों आमने-सामने हैं, लेकिन पार्टी की अदला-बदली हुई है।

विस- कुम्हेर
राजनीतिक परिवार- दोनों सिंह परिवार
कितने साल से- 10 साल से
अभी चुनाव मैदान में- शैलेष व विश्वेंद्र सिंह
अब तक की स्थिति- कुम्हेर विधानसभा क्षेत्र से पहले डॉ. दिगंबर सिंह भाजपा व कांग्रेस से विश्वेंद्र सिंह आमने-सामने होते रहे हैं। 2018 से भाजपा से दिगंबरसिंह के पुत्र विश्वेंद्र के सामने हैं। इससे पहले 2013 के चुनाव में दिगंबर सिंह हार गए थे और उनका निधन हो गया था। अब शैलेष सिंह भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं।

https://youtu.be/7FHKKXWjmaE

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