बड़े नेता अपने क्षेत्र में ही उलझे
इस बार चुनाव प्रचार में दोनों दलों के बड़े नेता आए, वहीं कुछ बड़े नेताओं का नहीं आना अखरा भी। दूसरी ओर अन्य क्षेत्रों में दखल रखने वाले नेता अपना निर्वाचन क्षेत्र नहीं छोड़ पाए। गुलाबचंद कटारिया पर्चा भरने के बाद कार्यकर्ताओं से कहा था कि आप उदयपुर संभालें, मैं मेवाड़ की 28 सीटों पर कांग्रेस की जड़ों में तेजाब डालने जाऊंगा लेकिन वे उदयपुर जिले की सीटों व चित्तौडगढ़़ की बड़ीसादड़ी सीट के अलावा कहीं और नहीं जा सके। कांग्रेस के सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर सिंह मीणा व पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. गिरिजा व्यास का कद भी बड़ा है लेकिन वे भी दूसरी सीटों पर प्रचार करने नहीं जा सके।
इस बार चुनाव प्रचार में दोनों दलों के बड़े नेता आए, वहीं कुछ बड़े नेताओं का नहीं आना अखरा भी। दूसरी ओर अन्य क्षेत्रों में दखल रखने वाले नेता अपना निर्वाचन क्षेत्र नहीं छोड़ पाए। गुलाबचंद कटारिया पर्चा भरने के बाद कार्यकर्ताओं से कहा था कि आप उदयपुर संभालें, मैं मेवाड़ की 28 सीटों पर कांग्रेस की जड़ों में तेजाब डालने जाऊंगा लेकिन वे उदयपुर जिले की सीटों व चित्तौडगढ़़ की बड़ीसादड़ी सीट के अलावा कहीं और नहीं जा सके। कांग्रेस के सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर सिंह मीणा व पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. गिरिजा व्यास का कद भी बड़ा है लेकिन वे भी दूसरी सीटों पर प्रचार करने नहीं जा सके।
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ये है जिले की सीटों की स्थिति उदयपुर शहर विधानसभा
ये है जिले की सीटों की स्थिति उदयपुर शहर विधानसभा
प्रत्याशी: गुलाबचंद कटारिया (भाजपा), डॉ. गिरिजा व्यास (कांग्रेस), प्रवीण रतलिया (निर्दलीय), दलपत सुराणा (जनता सेना), भरत कुमावत (आप) और अन्य।
भाजपा-कांग्रेस की ताकत: भाजपा की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रोड शो एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा की। कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रोफेशनल्स से संवाद किया तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट व पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभा की। निर्दलीय प्रवीण रतलिया व दलपत सुराणा ने स्वयं और अपनी टीम के साथ मोर्चा संभाला।
यह अखरा : मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी उदयपुर शहर में नहीं आए, वहीं कांग्रेस स्टार प्रचारक की बड़ी सभा नहीं करवा सकी।
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यह अखरा : मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी उदयपुर शहर में नहीं आए, वहीं कांग्रेस स्टार प्रचारक की बड़ी सभा नहीं करवा सकी।
गोगुंदा विधानसभा
कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मांगीलाल गरासिया व भाजपा के प्रताप भील के बीच टक्कर है। गरासिया गोगुंदा को पिछले पांच साल में हुए नुकसान को गिना रहे तो भील अपने काम के साथ मोदी सरकार की योजनाओं को अंगुलियों पर गिना रहे हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मांगीलाल गरासिया व भाजपा के प्रताप भील के बीच टक्कर है। गरासिया गोगुंदा को पिछले पांच साल में हुए नुकसान को गिना रहे तो भील अपने काम के साथ मोदी सरकार की योजनाओं को अंगुलियों पर गिना रहे हैं।
मावली विधानसभा
भाजपा ने धर्मनारायण जोशी को तो कांग्रेस ने पूर्व विधायक पुष्कर लाल डांगी को मैदान में उतारा है। दोनों के बीच सीधी टक्कर है। डांगी जहां भाजपा सरकार की विफलता गिनाते हुए अपना पुराना कार्यकाल के कामकाज गिना रहे तो जोशी राजे-मोदी की डबल इंजन वाली सरकार बनाने की बात कहते हुए जनता के बीच हैं।
भाजपा ने धर्मनारायण जोशी को तो कांग्रेस ने पूर्व विधायक पुष्कर लाल डांगी को मैदान में उतारा है। दोनों के बीच सीधी टक्कर है। डांगी जहां भाजपा सरकार की विफलता गिनाते हुए अपना पुराना कार्यकाल के कामकाज गिना रहे तो जोशी राजे-मोदी की डबल इंजन वाली सरकार बनाने की बात कहते हुए जनता के बीच हैं।
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प्रत्याशी : गजेन्द्रसिंह शक्तावत (कांग्रेस), उदयलाल डांगी (भाजपा), रणधीर सिंह भींडर (जनता सेना) और अन्य।
भाजपा-कांग्रेस की ताकत: कांग्रेस की ओर से प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, फिल्म अभिनेता व नेता राज बब्बर ने एवं भाजपा से केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व गुलाबचंद कटारिया ने सभा की। रणधीर सिंह भींडर ने स्वयं और अपनी टीम के साथ मोर्चा संभाला।
यह अखरा : कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं भाजपा से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नहीं पहुंची।
प्रत्याशी : गजेन्द्रसिंह शक्तावत (कांग्रेस), उदयलाल डांगी (भाजपा), रणधीर सिंह भींडर (जनता सेना) और अन्य।
भाजपा-कांग्रेस की ताकत: कांग्रेस की ओर से प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, फिल्म अभिनेता व नेता राज बब्बर ने एवं भाजपा से केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व गुलाबचंद कटारिया ने सभा की। रणधीर सिंह भींडर ने स्वयं और अपनी टीम के साथ मोर्चा संभाला।
यह अखरा : कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं भाजपा से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नहीं पहुंची।
उदयपुर ग्रामीण विधानसभा
भाजपा के फूलसिंह मीणा एवं कांग्रेस के विवेक कटारा के बीच मुकाबला है। दोनों ने मैदान में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। कटारा अपने पिता पूर्व मंत्री स्व. खेमराज कटारा व पूर्व विधायक सज्जन कटारा के नाम का फायदा है तो फूलसिंह मीणा अपने सरल स्वभाव व विकास कार्य के साथ लेकर जनता के बीच हैं।
सलूंबर विधानसभा
कांग्रेस से रघुवीर सिंह मीणा और भाजपा से अमृतलाल मीणा के बीच टक्कर हैं लेकिन पूर्व प्रधान रेशमा मीणा ने भी कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा दी है। रघुवीर जहां मोदी-राजे सरकार की नाकामियां गिना कर जनता के बीच हैं तो भाजपा के अमृतलाल भी अपने काम व सरकार के काम गिना रहे हैं।
भाजपा के फूलसिंह मीणा एवं कांग्रेस के विवेक कटारा के बीच मुकाबला है। दोनों ने मैदान में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। कटारा अपने पिता पूर्व मंत्री स्व. खेमराज कटारा व पूर्व विधायक सज्जन कटारा के नाम का फायदा है तो फूलसिंह मीणा अपने सरल स्वभाव व विकास कार्य के साथ लेकर जनता के बीच हैं।
सलूंबर विधानसभा
कांग्रेस से रघुवीर सिंह मीणा और भाजपा से अमृतलाल मीणा के बीच टक्कर हैं लेकिन पूर्व प्रधान रेशमा मीणा ने भी कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा दी है। रघुवीर जहां मोदी-राजे सरकार की नाकामियां गिना कर जनता के बीच हैं तो भाजपा के अमृतलाल भी अपने काम व सरकार के काम गिना रहे हैं।
खेरवाड़ा विधानसभा
कांग्रेस के दयाराम परमार और भाजपा के नानालाल अहारी के बीच मुकाबला है। पूर्व मंत्री दयाराम ने पूरी ताकत लगाते हुए सरकार की विफलताएं गिनाई, वहीं ऐनवक्त पर अपने नाम टिकट कराने वाले नानालाल सरकार के साथ-साथ अपना काम गिना रहे हैं। हालांकि दोनों दलों से कोई बागी नहीं है लेकिन नानालाल व दयाराम को अपनों की चिंता सता रही है।
कांग्रेस के दयाराम परमार और भाजपा के नानालाल अहारी के बीच मुकाबला है। पूर्व मंत्री दयाराम ने पूरी ताकत लगाते हुए सरकार की विफलताएं गिनाई, वहीं ऐनवक्त पर अपने नाम टिकट कराने वाले नानालाल सरकार के साथ-साथ अपना काम गिना रहे हैं। हालांकि दोनों दलों से कोई बागी नहीं है लेकिन नानालाल व दयाराम को अपनों की चिंता सता रही है।
झाड़ोल विधानसभा
भाजपा के बाबूलाल खराड़ी और कांग्रेस के सुनील भजात के बीच मुकाबला है। खराड़ी गिना रहे हैं कि पिछले चुनाव में यहां से भाजपा नहीं जीती जिससे झाड़ोल पीछे रह गया। दूसरी ओर कांग्रेस राजे व मोदी सरकार के काल में धीमी हुई झाड़ोल के विकास की रफ्तार के साथ कई मुद्दों पर भाजपा को घेर रही है।
भाजपा के बाबूलाल खराड़ी और कांग्रेस के सुनील भजात के बीच मुकाबला है। खराड़ी गिना रहे हैं कि पिछले चुनाव में यहां से भाजपा नहीं जीती जिससे झाड़ोल पीछे रह गया। दूसरी ओर कांग्रेस राजे व मोदी सरकार के काल में धीमी हुई झाड़ोल के विकास की रफ्तार के साथ कई मुद्दों पर भाजपा को घेर रही है।