कानोड़. (उदयपुर). नगर के आस-पास करीब 80 गांवों के रोगियों के इलाज के लिए बना 50 बेड का चिकित्सालय विभाग की घोर उदासीनता के चलते खुद बीमार है। अधिकारी जब मर्जी चाहे यहां के कर्मचारी को प्रतिनियुक्ति पर भेज देते हैं। 11 डॉक्टर की नियुक्ति वाले चिकित्सालय में नौ चिकित्सकों को लगाया गया लेकिन एक भी चिकित्सक विशेषज्ञ नहीं होना रोगियों को 75 किमी दूर उदयपुर की दौड़ करवाता है। चिकित्सालय में फिजिशियन चिकित्सक डॉ. मंसूरअली अलवी की नियुक्ति के बावजूद वल्लभनगर प्रतिनियुक्ति पर लगाया जाना व्यवस्थाओं को और बदहाल कर रहा है। कस्बावासियों को आस थी नई सरकार उनके चिकित्सालय की बदहाली सुधारेगी, लोगों ने जयपुर तक दौड़ भी लगाई, सरकार ने चिकित्सालय को 30 बेड से बढ़ाकर 50 का कर दिया लेकिन जिस चिकित्सालय में 30 बेड लगने की जगह नहीं वहां 50 बेड कैसे लगेंगे। भवन निर्माण को लेकर कोई चिंता सरकार ने नहीं की, वर्तमान में 16बेड की व्यवस्था चिकित्सालय में रोगियों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। हाल यह है कि सरकार द्वारा लगाए गए चिकित्सकों के बैठने की जगह तक नहीं है। एक चेंबर में दो चिकित्सक या फिर अन्य कार्य में समय पूरा कर चिकित्सक ड्यूटी कर रहे हैं। दवाघर में फार्मासिस्ट नहीं होने से मेलनर्स को दवाएं देनी पड़ रहीं है, जबकी यहां लगे फार्मासिस्ट को उदयपुर प्रतिनियुक्ति पर लगाया गया, जिसकी तनख्वाह कानोड़ चिकित्सालय भुगतान कर रहा है।