उदयपुर

पीएचसी सीएचसी के डॉक्टरों को पढ़ाएंगे सर्पदंश से बचाने का पाठ

– अब नेशनल स्नेकबाइट मैनेजमेंट प्रोटोकॉल- ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा होती है मौते

उदयपुरJul 30, 2021 / 08:51 am

bhuvanesh pandya

अब नेशनल स्नेकबाइट मैनेजमेंट प्रोटोकॉल

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश होने वाली मौतों पर लगाम लगाने के लिए केन्द्र सरकार अब नेशनल स्नेकबाइट मैनजमेंट प्रोटोकॉल लेकर आई है। दुनियाभर में भारत में सर्पदंश से सर्वाधिक मौते होती हैं। इस पर नियंत्रण के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सकों को खास तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वह ऐसे लोगों की जान बचा सके।
——

ये बड़ी बात: यहां पर पश्चिमी किताबी ज्ञान काम का नहीं

– सर्प दंश वाले व्यक्ति की जान बचाने में समस्या इसलिए आती है क्योंकि चिकित्सक उस पश्चिमी सभ्यता के किताबी ज्ञान का सहारा लेते हैं, तो इस संकट वाली घड़ी में भारतीय परिप्रेक्ष्य में खरी नहीं उतरती।
– सर्प दंश वाले व्यक्ति को एंटी स्नेक वेनम यानी एएसवी तब दिया जाता है, जब इसकी जरूरत नहीं होती। ये इसलिए भी खतरनाक हो जाता है, क्योंकि जरूरत से अधिक मात्रा में खुराक देने पर भी समस्या रहती है।
– केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग ने डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर चिकित्सकों व स्टाफ को प्रशिक्षित करने के लिए यह नेशनल स्नेक बाइट मैनेजमेंट प्रोटोकॉल बनाया है।

– प्राथमिक चिकित्सा विधियों में जैसे टूर्निकेट्स, कटिंग, सक्शन व हर्बल उपचार अप्रभावी व खतरनाक है।
——

बच्चों में सर्प दंश केस ज्यादा – एमबी अधीक्षक डॉ आरएल सुमन ने बताया कि सर्प दंश के मामले बच्चों में ज्यादा सामने आ रहे है। नए प्रोटोकॉल का असर बेहतर होगा, इससे लोगों का जीवन बचेगा, खास तौर पर सर्प दंश का शिकार होने वाले बच्चे बच पाएंगे।
बाल चिकित्सालय- 4 माह में 46 केस आए सामने

अप्रेल- 1

मई- 5

जून-17

जुलाई-23

———

जनरल ओपीडी में 11 मामले आए सामने

– अप्रेल- 0

– मई- 0
– जून- 4

– जुलाई- 7

———

ड्रग नोडल ऑफिसर डॉ दीपक सेठी ने बताया कि जनवरी से जुलाई तक सात माह में आरएनटी के पास 5 हजार एंटी स्नेक इंजेक्शन आए थे, जो अभी पर्याप्त मात्रा में यानी 4150 उपलब्ध हैं।
——

गांवों में बड़ी संख्या में स्नेक बाइट के केस सामने आते हैं, यदि इसका विशेष प्रोटाकॉल ही आ गया है तो सभी चिकित्सक बेहतर कर पाएंगे, साथ ही गांवों में सर्प दंश का बड़ी संख्या में शिकार होने वाले बच्चे सुरक्षित हो सकेंगे।
डॉ अशोक आदित्य, आरसीएचओ उदयपुर

Hindi News / Udaipur / पीएचसी सीएचसी के डॉक्टरों को पढ़ाएंगे सर्पदंश से बचाने का पाठ

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.