तेंदूआ संरक्षण व वाइल्ड एंड स्ट्रीट एनिमल रेस्क्यू सोसायटी के पद्मसिंह, अरविंद सिंह, गुंजन पंचोली, महेंद्र, वाइल्ड एंड नेचर रेस्क्यू सोसायटी के विक्र म सालवी, जमनालाल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने करीब एक घंटे तक वहां बैठकर पैंथर का बाहर निकलने का इंतजार किया। ग्रामीण की भीड़ एकत्र होने से पैंथर खेत में ही छिपा रहा। बाद में पैंथर के खेत से निकल कर एक कोने में छिपने पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने पैंथर को जाल डालकर सुरक्षित तरीके से पकड़ कर ट्रेंक्यूलाइज किया। पैंथर को सुरक्षित वन में छोड़ा जाएगा। राठौड़ ने बताया कि यह मादा पैंथर लगभग 1 वर्ष की है। संभवतया रात को भटक जाने के कारण आबादी में आ गई होगी। इससे पूर्व गत दिनों यूनिवर्सिटी कैम्पस में पैंथर आने की सूचना पर वन विभाग ने वहां पर कैमरा लगाया, वहीं रविवार को अम्बेरी के समीप मेहरों का गुड़ा में हाईवे पर घायल हालात में पैंथर रोड किनारे मिला।
READ MORE: Patrika Exclusive: गंभीर बीमार को धक्के देकर निकाला अस्पताल से बाहर, देखें वीडियो उधर, केवड़ा नाल में वाहन की टक्कर से पैंथर की मौतउदयपुर. सलूंबर रोड पर केवड़ा की नाल में गुरुवार रात को अज्ञात वाहन की टक्कर से एक मादा पैंथर की मौत हो गई। मार्ग से गुजर रहे लोगों ने मृत पैंथर को देख वन विभाग को सूचित किया। उपवन संरक्षक आरके. जैन ने बताया कि पैंथर के सडक़ पर पड़ा होने की सूचना लोगों से मिली। वनपाल विजेन्द्रसिंह सिसोसिया, वनकर्मी कैलाश मेघवाल, जीवन मीणा को मौके पर पहुंचे। पैंथर की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। करीब तीन साल की मादा पैंथर के शव में दांत और नाखून सुरक्षित पाए गए। उदयपुर से मौके पर पहुंचे पदमसिंह राठौर व वनकर्मियों ने मृत पैंथर को केवड़ा नाका पर पहुंचाया। जैन ने बताया कि सडक़ के दोनों तरफ घना जंगल होने से संभवतया पैंथर सडक़ पार कर रहा था, उस समय गुजरे वाहन की टक्कर से हादसा हुआ। पैंथर का शुक्रवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा।