पेड़णेकर को ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति के लिए सरकार ने नोडल अधिकारी नियुक्त किया और उसके बाद से उन्होंने जयपुर से इस पर काम शुरू कर दिया। मंगलवार को उदयपुर ही सरकार ने उदयपुर में लगे दो आइएएस अधिकारियों को संभाग में लगे बड़े प्लांट से ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए जिम्मा दिया। पेड़णेकर ने उदयपुर के दरीबा व चित्तौडगढ़़ के चंदेरिया प्लांट से ऑक्सीजन को लेकर पूरी तकनीकी रिपोर्ट ली और रात तक वे स्थानीय स्तर पर टीमों व अधिकारियों से फीडबैक लेते रहे।
पेड़णेकर ने पत्रिका को बताया कि पूरी तकनीकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है लेकिन इन प्लांटों से उदयपुर की आवश्यकता से कही गुणा ज्यादा जरूरत पूरी होगी लेकिन पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ होगी। उन्होंने बताया कि जामनगर रिफाइनरी से राजस्थान को 35 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की केन्द्र सरकार ने मंजूरी दी है जिस पर भी तेसी से काम शुरू कर दिया है।
इधर, आबकारी आयुक्त डा. जोगाराम व आरएसएमएम के प्रबंध निदेशक ओमप्रकाश कसेरा की अस्थाई सेवाएं शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को दी। इसके बाद इन अधिकारियों ने उदयपुर संभाग में ऑक्सीजन को लेकर काम भी शुरू कर दिया। डा. जोगाराम दरीबा प्लांट पर तो कसेरा चित्तौडगढ़़ स्थित चंदेरिया प्लांट पर तकनीकी टीम के साथ पहुंचे। रात को सरकार को फीडबैक भी दिया।
रोजाना मिलेगी 5 केएल लिक्विड ऑक्सीजन, पहला टैंकर पहुंचा
पेड़णेकर ने पत्रिका को बताया कि पूरी तकनीकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है लेकिन इन प्लांटों से उदयपुर की आवश्यकता से कही गुणा ज्यादा जरूरत पूरी होगी लेकिन पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ होगी। उन्होंने बताया कि जामनगर रिफाइनरी से राजस्थान को 35 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की केन्द्र सरकार ने मंजूरी दी है जिस पर भी तेसी से काम शुरू कर दिया है।
इधर, आबकारी आयुक्त डा. जोगाराम व आरएसएमएम के प्रबंध निदेशक ओमप्रकाश कसेरा की अस्थाई सेवाएं शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को दी। इसके बाद इन अधिकारियों ने उदयपुर संभाग में ऑक्सीजन को लेकर काम भी शुरू कर दिया। डा. जोगाराम दरीबा प्लांट पर तो कसेरा चित्तौडगढ़़ स्थित चंदेरिया प्लांट पर तकनीकी टीम के साथ पहुंचे। रात को सरकार को फीडबैक भी दिया।
रोजाना मिलेगी 5 केएल लिक्विड ऑक्सीजन, पहला टैंकर पहुंचा
कोरोना संक्रमण की स्थिति पर नियंत्रण पाने एवं कोरोना मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्तिं के लिए अब 5 केएल लिक्विड ऑक्सीजन रोजाना मिलेगी। जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने बताया कि जिंक ने दरीबा प्लांट से लिक्विड ऑक्सीजन उपलब्ध कराने को सहमति दे दी है। वहां प्लांट में आवश्यक इंतजाम भी कर लिये गए है और मंगलवार को ही 5 केएल लिक्विड ऑक्सीजन का पहला टैंकर दरीबा प्लांट से भरकर उदयपुर पहुंच गया।
ऐसे सप्लाई हो रही ऑक्सीजन की जिला प्रशासन की ओर से स्टेट सेल से लगातार सम्पर्क बनाये रखते हुए मांग के अनुसार भिवाडी से लगातार ऑक्सीजन के टैंकर मिल रहे है, जिसको अरनेस गैस एजेन्सी एवं मेडिकल कॉलेज में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के माध्यम से काम में ले रहे हैं। कलक्टर ने बताया कि आदर्श गैस एजेन्सी जो सेपरेटर मशीन से ऑक्सीजन बना रही है उससे लगभग 1500 सिलेण्डर प्राप्त हो रहे हैं। इन समस्त गैस सिलेण्डर्स को जिले के विभिन्न चिकित्सालयों में कोरोना रोगियों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही प्रतिदिन नाथद्वारा से 200 सिलेण्डर, आजोलियों का खेड़ा व निम्बाहेडा से 300-300 सिलेण्डर प्राप्त हो रहे हैं।
गुणवत्ता टेस्टिंग के लिए मुंबई से मंगवाए उपकरण उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के अध्यक्ष कोमल कोठारी ने बताया कि इससे पूर्व ऑक्सीजन की गुणवत्ता जांचने क लिए कुछ आवश्यक उपकरण जुटाये जाने की जरूरत सामने आई। इस पर यूसीसीआई ने एयरलाइन्स के सहयोग से मुम्बई से सभी आवश्यक उपकरण हवाई जहाज से मंगवाने की व्यवस्था की गई। मैक्सन ड्रग्स की प्रयोगशाला में जांच उपकरणों की मदद से टेस्टिंग के उपरान्त दरीबा माईन्स द्वारा उत्पादित ऑक्सीजन को मानवीय उपयोग के लिए उपयुक्त पाया गया। उन्होंने बताया कि 22 से 24 अप्रेल को मेवाड औद्योगिक क्षेत्र मादड़ी स्थित चेम्बर भवन में वेक्सीन शिविर लगाया जाएगा।