राज्य में शिक्षकों की पूर्ति करेंगे प्रशिक्षु शिक्षक, चार महीने तक सरकारी स्कूलों में करवाएंगे शिक्षण कार्य ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी जीवनलाल खराड़ी ने बताया कि ब्लॉक में 322 प्राथमिक विद्यालय हैं जिनमें से 189 स्कूल एेसे हैं, जिनमें एक ही शिक्षक है। सरकार ने इस बार से पांचवीं कक्षा में भी बोर्ड परीक्षा शुरू की है। एेसे में शिक्षकों की कमी के चलते बोर्ड परीक्षा मजाक बनकर रह जाएगी। बहुत से शिक्षक तो एेसे हैं जिन्होंने अभी तक सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की ट्रेनिंग भी नहीं ली है। यदि वे अब ट्रेनिंग पर जाते हैं तो पीछे स्कूलों संभालने वाला कोई नहीं है।
आरटीई कानून का भी मजाक राजस्थान पंचायत राज शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शेरसिंह चौहान के अनुसार एकल विद्यालय से शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून का खुलेआम मजाक उड़ रहा है। इन स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात की भी अवहेलना हो रही है। एक ही शिक्षक को पढ़ाने, पोषाहार पकवाने, डाक आदि लाने-ले जाने सहित सभी काम करने होते हैं।
संगीत विभाग में नहीं गूजेंगे नई पीढ़ी के सुर, सुविवि ने नहीं दिए प्रवेश कर देते हैं स्कूल की छुट्टी राजकीय प्राथमिक विद्यालय झांझर में एक ही शिक्षक है। शिक्षक जोबना राम ने बताया कि कहीं भी कोई विभागीय काम हो और उसमें जाना पड़े तो स्कूल की छुट्टी करनी पड़ती है। इसी तरह आंजनी में कार्यरत शिक्षक भोजाराम ने बताया कि एक ही शिक्षक होने से उन्हें परेशानी होती है। कई बार तो स्कूल की छुट्टी तक करनी पड़ती है।
छात्र अध्यापकों को लगाएंगे एकल विद्यालयों में बीएड और बीएसटीसी वाले छात्र अध्यापकों को लगाएंगे। इससे कुछ हद तक राहत मिलेगी। एकल विद्यालयों की सूचना उच्चाधिकारियों को भी दे रखी है। हम व्यवस्था कर रहे हैं कि कोई भी स्कूल शिक्षकों की कमी की वजह से बंद नहीं हो।
नारायणलाल प्रजापत, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, शिक्षा