——— हर काम पर बारिकी से नजर… – एनएबीएच एक्रिडेशन के नोडल ऑफिसर डॉ ललित रेगर ने बताया कि टीम ने पानी की टंकियां देखी ओर खास तौर पर ये देखा कि प्लास्टिक की टंकियों के ढक्कन टूटकर बिखरे तो नहीं हैं, हालांकि यहां पर उन्हें कोई टंकी खुली नहीं मिली। टंकी के पानी से भी उन्होंने रिपोर्ट के लिए फोटो लिया।
– टीम ने देखा कि सेन्ट्रल लैब में जाने के लिए कहां-कहां बोर्ड लगे हुए है, उसके फोटो लिए, शेड है या नहीं ये देखा ताकि बारिश के दौरान मरीजों व परिजनों को परेशानी नहीं हो। पंजीयन करवाने के बाद धूप में तो लोग खड़े नहीं रहते इसका मुआयना किय। यहां उन्होंने कम्प्यूट्राइज्ड सिस्टम पर कितने लोग बैठे है, लैब में कितने लोग कार्यरत है। इसमें चिकित्सक कितने है, स्टाफ कितना है इसकी रिपोर्ट तैयार की। साथ ही ये भी देखा कि मरीजों की रिपोर्ट उन्हें नमूने देने के बाद कितने समय में मिल जाती है।
– सभी 15 ऑपरेशन थियेटर बारी-बारी से खंगाले, यहां पर उन्होंने संक्रमण मुक्त करने के लिए क्या-क्या किया जाता है, उसे देखा तो अन्दर प्रवेश से लेकर बाहर आने की पूरी प्रक्रिया व थियेटर में मरीजों के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं है, उसे बारिकी से देखा। – हॉस्पिटल के पांचों आईसीयू का गहनता से दौरा किया, उपकरणों की स्थिति व टेक्नीशियन व स्टाफ स्टेटस की जानकारी जुटाई।
– फायर फाइटिंग सिस्टम, गैस प्लांट, लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट देखा। – फायर इंस्टीग्यूशर, हाईडें्रट सिस्टम, सीसीटीवी सिस्टम देखा, चोरी होने पर या कोई बच्चा बेड से किसी ओर के द्वारा ले जाने की स्थिति में कैसे पकड़ सकते हैं, इसे समझा। – बाल चिकित्सालय, जनाना व एसएसबी का भी दौरा किया। – बायोमेडिकल वेस्ट, अलग-अलग रंगों की बाल्टियों के उपयोग, रिफ्यूजल इंजेक्शन सिस्टम, ब्लड टेस्ट, पूरी जानकारी, ड्रग रिएक्शन, एडवड्र्स रिएक्शन की जानकारी ली।
– पीने के पानी के वाटर कूलर्स देखे। इमरजेंसी में भी निरीक्षण कर मरीजों से बातचीत की। – ट्रांसफार्मर सिस्टम व बिजली के बोर्ड की जानकारी ली। रिकॉर्ड सिस्टम को भी देखा। —–
सुबह बैठक में कहा – जो उपचार करते हैं और जो नहीं करते वह सब कुछ लिखना होगाा – सुबह आरएनटी के सभागार में बैठक लेकर मीटिंग ली गई है। दोनों डॉक्टर व पूरा एमबी का स्टाफ था। यहां डॉ अवधेश मेहता ने कहा कि हमारे यहां जो-जो उपचार होता हैं, उसे हर विभाग के आगे डिस्प्ले करना होगा। जो सर्विस है वह भी लिखनी है, और जो नहीं है उसे भी लिखना है। प्रवेश द्वार पर ही लिखना होगा कि ये विभाग हमारे पास है। हर विभाग में ये सर्विसेज, ये-ये ऑपरेशन करते हैं, ये नहीं किए जाते।
– डॉ रेगर ने बताया कि निरीक्षण कर टीम दिल्ली रवाना हो गई। अगले चरण में आरएनटी को वहां से कुछ टास्क व लक्ष्य दिए जाएंगे। इसी आधार पर तय समय में काम करना होगा। यदि छह माह से पहले भी ये टास्क पूरे हो जाते हैं, तो इससे पहले भी एक्रिडेशन मिल सकेगा।