उन्होंने अपने पंखों से नई उड़ान के लिए अपना आसमां चुन लिया। भविष्य के ये एन्टरप्रेन्योर जो ना केवल राजस्थान बल्कि देश-विदेश में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। उन्होंने अपना बिजनेस शुरू कर अन्य कई जरूरतमंदों को नौकरी दी है।
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मृत्युंजय यादव : पहले स्टार्टअप पर्सन ऑफ आईआईएमयू -उनकी कंपनी में वर्तमान में 11 कार्मिक हैं। वे अपने कार्मिकों को अधिकतम 50 हजार रुपए तक मासिक वेतन दे रहे हैं।
आईआईएमयू के पहले स्टार्टअप पर्सन मृत्युंजय यादव मूलत: वाराणसी निवासी हैं। उन्होंने आईआईएम से पढ़ाई पूरी करने के बाद बेंगलूरु की एक कंपनी से वार्षिक दस लाख रुपए का पैकेज छोड़ दिया। यादव ने बताया कि उन्होंने अपने कोर्स के दौरान जिस कंपनी में काम किया, उसी कंपनी ने उन्हें नौकरी का ऑफर दिया था। हालांकि वे शुरू से ही कुछ नया करना चाहते थे।
आईआईएमयू के पहले स्टार्टअप पर्सन मृत्युंजय यादव मूलत: वाराणसी निवासी हैं। उन्होंने आईआईएम से पढ़ाई पूरी करने के बाद बेंगलूरु की एक कंपनी से वार्षिक दस लाख रुपए का पैकेज छोड़ दिया। यादव ने बताया कि उन्होंने अपने कोर्स के दौरान जिस कंपनी में काम किया, उसी कंपनी ने उन्हें नौकरी का ऑफर दिया था। हालांकि वे शुरू से ही कुछ नया करना चाहते थे।
READ MORE: आईआईएम में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू…फैलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट से पहले देने होंगे तीन उत्तर वर्ष 2014 में यादव ने बैंक लोन की मदद से उदयपुर में ही अपनी कंपनी खोल ली। वे स्नेक्स बनाकर इसे बाजार में सप्लाई करने लगे। सोया स्टिक, गेहूं स्टिक और अन्य कई उत्पाद बनाने लगे हैं। वे कच्चा माल मुम्बई, अहमदाबाद और दक्षिण भारत से मंगवाते हैं। अपने उत्पाद की बेहतरी के लिए उन्होंने थाईलैंड से भी कुछ कच्चे माल की व्यवस्था की है। उनकी कंपनी में वर्तमान में 11 कार्मिक हैं। वे अपने कार्मिकों को अधिकतम 50 हजार रुपए तक मासिक वेतन दे रहे हैं।