मां के सपोर्ट के बिना हम भी यहां नहीं पहुंच पाते: डॉ. रुचि व डॉ. जया ने बताया कि आज हम जिस मुकाम पर पहुंचे हैं उसमें हमारी मां ने भी अहम भूमिका निभाई है। अगर उनका सपोर्ट नहीं होता तो वे भी यहां तक नहीं पहुंच पातीं। उनकी मां ने संघर्ष करके दोनों को आगे बढ़ाया। उन्होंने बताया कि वे जब वे चेन्नई में फिजियोथैरेपी की ट्रेनिंग ले रही थीं तब ऐसे कई बच्चों को देखती थी और उनके मन में भी ऐसे बच्चों के लिए उदयपुर में पुनर्वास केंद्र शुरू करने की प्रेरणा मिली। इसके बाद उन्होंने इसी चिकित्सा में सर्टिफाइड कोर्स किए और इन्हीं के लिए खुद को समर्पित किया है। यहां कुछ दिन के बच्चे से लेकर 16-17 साल के बच्चे विभिन्न आवश्यकताओं व थैरेपी के अनुसार विभिन्न राज्यों व जिलों से लाए जाते हैं।
हिरणमगरी निवासी डॉ. रुचि दीक्षित और डॉ. जया भावसार ने 2010 में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए संकल्प पुनर्वास केंद्र की शुरुआत की, जहां ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी व अन्य डिसएबिलिटी से पीड़ित बच्चों की देखरेख के साथ फिजियोथैरेपी, ऑक्यूपेशनल थैरेपी, स्पेशल एजुकेशन, कम्युनिकेशन थैरेपी, स्पीच थैरेपी देने के साथ पेरेंट्स को भी ट्रेनिंग देती हैं। इससे उनके शारीरिक व मानसिक विकास में बहुत मदद मिलती है। इन 14 सालों में वे हजारों बच्चों का इलाज कर चुकी हैं। डॉ. रुचि ने 2013 में पर्किन्स से ’’विजुअल इम्पेयरमेंट एंड डेफ-ब्लाइंडनेस’’ में डिप्लोमा हासिल किया और कैलिफोर्निया के दक्षिणी विश्वविद्यालय से ’’सेंसरी इंटीग्रेशन’’ में प्रशिक्षण प्राप्त किया। वहीं, डॉ. जया पीडियाट्रिक फिजियोथेरेपिस्ट हैं। वे एक सर्टिफाइड न्यूरो डवलपमेंट थैरेपिस्ट भी हैं। उन्होंने बताया कि केवल 1 बच्चे से केंद्र की शुरुआत हुई और आज हजारों बच्चे विभिन्न थैरेपी व सेवाओं के माध्यम से लाभान्वित हो चुके हैं।