उदयपुर

‘CM गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते तो देश का नेतृत्व करते, अध्यक्ष के बाद PM बनते’

वल्लभनगर विधायक प्रीति शक्तावत ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया था। मंत्री शांति धारीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे नेताओं की गलती से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शीर्ष नेतृत्व के सामने माफी मांगनी पड़ी।

उदयपुरSep 30, 2022 / 04:09 pm

Santosh Trivedi

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
उदयपुर। वल्लभनगर विधायक प्रीति शक्तावत ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया था। मंत्री शांति धारीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे नेताओं की गलती से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शीर्ष नेतृत्व के सामने माफी मांगनी पड़ी। गुरुवार को कुछ मीडियाकर्मियों से बातचीत में विधायक प्रीति ने अपने बयान को मुख्यमंत्री के पक्ष में देते हुए कहा कि उन्हें तो बैठक की जानकारी ही नहीं थी। ना ही फोन पर मुख्यमंत्री गहलोत ने वहां आने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते तो देश का नेतृत्व करते, बाद में देश के प्रधानमंत्री बनते तो और खुशी की बात होती।

एयरपोर्ट पर पता चला कि वहां जाना है:
विधायक प्रीति ने कहा कि जयपुर एयरपोर्ट पर उतरे तब पता चला कि उन्हें मंत्री शांति धारीवाल के यहां जाना है। हालांकि उन्होंने धारीवालका नाम नहीं लेते हुए इशारों में ही बात की। उस समय हमारे पास किसी का फोन आया कि सब एक साथ मंत्री शांति धारीवाल के यहां जाएंगे। वहां पहुंचने के बाद नाश्ता किया और तब पता चला कि वहां पर बैठक रखी है। इससे पहले इसकी जानकारी तक नहीं थी।

मैं नौसिखियां, मेरे राजनीतिक गुरु गहलोत:
इस्तीफा देने के सवाल के जवाब में प्रीति ने कहा कि मैं नौसिखियां विधायक हूं। इसलिए इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर दिए होंगे। उस समय बात समझ में नहीं आई कि ऐसा कुुछ करना है या नहीं। उन्होंने सीएम गहलोत की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह उनके राजनीतिक गुरु हैं, उनके कारण है वह विधायक है और उनके विधानसभा क्षेत्र का विकास भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि गहलोत की योजनाएं व काम देखें तो कांग्रेस राजस्थान में 2023 में चुनाव जीत रही है। सीएम का बडप्पन है, कि कुछ नेताओं की गलती के कारण कुछ नेताओं शीर्ष नेतृत्व से माफी मांगी है।

गद्दार शब्द पर लगा धक्का:
मुख्यमंत्री को बार-बार गलत शब्द से संबोधित करना गलत है। परिवार में काम को लेकर लड़ाई झगडे़ होते रहते हैं। सीएम को शर्मिंदा होना पड़ा उसका खेद है, वह परिपक्व है, राजस्थान की राजनीति में उन्होंने नाम कमाया है, कोरोना काल में उनकी योजनाएं पेंशन, चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का निर्णय लिया। उन्होंने धारीवाल का नाम नहीं लेते हुए इशारों में कहा। उन लोगों ने जो शब्द इस्तेमाल किया है, वह गलत है।

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