आखिरकार बनी सहमति, 5 लोगों के साथ विश्वराज सिंह मेवाड़ ने किए धूणी दर्शन
पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया। दूसरे दिन 26 नवम्बर को जिला मजिस्ट्रेट अरविंद पोसवाल ने जगदीश चौक क्षेत्र से पांच सौ मीटर के दायरे और रंगनिवास पर्यटन पुलिस थाना क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए। जिसके तहत घंटाघर एवं सूरजपोल थानों का क्षेत्र आता है। तीसरे दिन बुधवार को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के हस्तक्षेप के बाद विवाद समाप्त हुआ। जिसके तहत प्रशासन ने दोनों पक्षों में सहमति बनाकर पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ को सिटी पैलेस स्थित धूणी स्थल के दर्शन करवाए। इससे पहले सुबह उन्होंने कैलाशपुरी पहुंचकर मेवाड़ के आराध्य भगवान एकलिंगनाथ के दर्शन किए। विवाद समाप्त होने के बाद गुरुवार को पूरे दिन शांति बनी रही। इस बीच जिला मजिस्ट्रेट ने प्रतिबंधात्मक आदेश को प्रत्याहरित कर लिया। इससे पहले पुलिस ने जगदीश चौक के सामने से बैरिकेड्स हटवा दिए।उदयपुर पूर्व राजपरिवार का विवाद खत्म, अब कांग्रेस विधायक ने उठाई विश्वराज सिंह के इस्तीफे की मांग
पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे पैलेस के द्वार: लक्ष्यराज सिंह
उधर, पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने गुरुवार शाम 6:30 बजे खुद आकर सिटी पैलेस का मुख्य द्वार खोला। इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि अब फिर से सौहार्द के माहौल में उदयपुर शहर लौटेगा। पर्यटकों के लिए सिटी पैलेस के द्वार खुले रहेंगे। सैलानी मेवाड़ की ऐतिहासिक विरासत से रूबरू हो सकेंगे। उन्होंने पूरे मामले में सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार जताया। इससे पहले चार दिन तक विवाद के चलते उदयपुर घूमने आए सैलानियों को निराश होकर लौटना पड़ा था। वहीं इस क्षेत्र के बाजारों में दुकानदारों का कारोबार भी इससे प्रभावित हो गया था।रिसिवरी मामले में पैलेस पक्ष ने पेश किया जवाब
उधर, पैलेस के कुछ हिस्से को प्रशासन की ओर से रिसिवरी में लिए जाने का मामला एडीएम कोर्ट में है। इस प्रकरण में तय तारीख अनुसार सिटी पैलेस पक्ष की ओर से जवाब पेश किया गया है। मामले में एडीएम कोर्ट फैसला देगी।पर्यटकों के लिए गेट खोल दिए
माहौल शांत होने से निषेधाज्ञा हटा दी गई है। पैलेस प्रबंधन की ओर से पर्यटकों के लिए गेट खोल दिए गए हैं। अब स्थिति सामान्य है।–अरविंद पोसवाल, कलक्टर