उदयपुर

कोरोना संकट : 24 साल में पहली बार मेनार अम्बा माता पशु मेला निरस्त

कोरोना की वजह से निरस्त हुआ मेनार Menar Village अम्बा माता Cattle Fair पशु मेला

उदयपुरOct 29, 2020 / 05:09 pm

madhulika singh

मेनार. उदयपुर संभाग के ग्रामीण अंचल में आयोजित होने वाला क्षेत्र का सबसे विशाल Cattle Fair पशु मेला इस बार मेनार में आयोजित नही होगा। प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलो के बाद सरकारी निर्दशों की पालना में ग्राम पंचायत मेनार Menar Village द्वारा मेला आयोजित नही करने का फैसला लिया गया है। मेनार कस्बे के हिरोला की छापर में ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित होने वाला अम्बा माता विशाल पशु मेला पिछले 23 साल से आयोजित हो रहा है लेकिन इस बार 24 वॉ अम्बा माता पशु मेला कोरोना संकट की वजह से आयोजित नही होगा । इस मेले की शुरुआत 1997 में पूर्व सरपंच औकार लाल मेनारिया के कार्यकाल में हुई थी । उस दौरान मेले में मनोरंजन के सामान की दुकानें को लाने-ले जाने का भाड़ा भी जनसहयोग से चंदा इकठ्ठा कर के दिया था। ये मेला उल्लास मनोरंजन के साथ आस्था से भी जुड़ा हुआ है इस मेले की शुरुआत बेलों की पूजा एव अम्बा माता की प्रतिमा स्थापना के साथ होती है मेले के समापन तक यहां अखण्ड ज्योत भी जलती है । पिछले कुछ वर्षों में ये मेला भव्य होता गया और धीरे धीरे ये क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला हो गया । इस मेले का इंतजार क्षेत्रवासियों को सालभर रहता है क्योकि ये मेला दीपावली त्यौहार से ठीक 10 दिन पहले आयोजित होता है जिसे क्षेत्र के हजारों खरीदार उमड़ते है । कई व्यापारी तो दीवाली हर साल मेनार मेले में ही मनाते आये है। जिसका सीधा फायदा क्षेत्र के व्यापारियों को होता आया है । वही ग्राम पंचायत को 10 से 11 लाख की आय होती है जिसके बदले वे अपने खर्च से बिजली , पानी की व्यवस्था निशुल्क मुहैया कराती है। इस दौरान कवि सम्मलेन सहित सांस्कृतिक संध्या का आयोजन करवाती है।
800 से 900 प्लॉट का होता है आवंटन
ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित होने वाले इस मेले में करीब 800 से 900 प्लॉटों का आवंटन होता है । जिसमे खान पान की दुकानें , होटल्स, रेस्टोरेंट्स , मनिहारी सहित ऊनी कपड़ों की सैंकड़ो दुकानें लगती है। वही मौत का कुआं, चकरी, डोलर सहित , सर्कस , प्यारेलाल , करतब , जादूगर सहित अन्य कई मनोरंजन के साधन यहां लगते हैं। वही आस पास के दर्जनों गांवों के लोग यही से सेंकडो मवेशी खरीदते है एव बेचते हैं। मेले में सूरती, काठियावाड़ी, मुर्रा, देसी जाफरी आदि नस्लों की भैंस , देसी नस्ल के बैल की बिक्री होती आई है।
इनका कहना है :
सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन पालना के तहत ग्राम पंचायत मेनार द्वारा इस बार मेले का आयोजन नही होगा ।
प्रमोद कुमार, सरपंंच , ग्राम पंचायत मेनार

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