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मरीज की जेब और जान पर भारी निजी एम्बुलेंस…नियमों की सरेआम धज्जियां

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उदयपुरOct 20, 2018 / 07:43 pm

Krishna

मरीज की जेब और जान पर भारी निजी एम्बुलेंस…नियमों की सरेआम धज्जियां

भुवनेश पंड्या/उदयपुर . महाराणा भूपाल हॉस्पिटल परिसर में खड़ी होने वाली निजी एम्बुलेंस मरीज की जान जोखिम में डाल रही है, क्योंकि ये डीजल-पेट्रोल से नहीं बल्कि अवैध गैस किट से संचालित हो रही है। पत्रिका की पड़ताल में यह भी सामने आया कि एम्बुलेंस चालक मरीज से मुंह मांगे दाम वसूल रहे हैं। इनमें से कई एम्बुलेंस जनाना हॉस्पिटल में कार्य करने वाले कार्मिकों की है, यह जानकारी होने के बावजूद अधिकारी कार्रवाई को तैयार नहीं है।पत्रिका की टीम दोपहर करीब 12 बजे मेवाड़ एम्बुलेंस सेवा संघ के कार्यालय पहुंची तो वहां बैठे एक सदस्य ने बताया कि उनके पास वर्तमान में 40 एम्बुलेंस हैं, जो परिसर में खड़ी रहती है। सभी पेट्रोल-डीजल से संचालित है। कुछ ने टंकी तक दिखाई। दूसरी ओर एम्बुलेंस संघ के अध्यक्ष रमेश मीणा ने 28 एम्बुलेंस खड़ी रहने की बात कही। उन्होंने यह भी स्वीकारा कि कुछ गैस वाली एम्बुलेंस भी हैं। 5 सितम्बर 2016 को तत्कालीन अधीक्षक डॉ तरुण गुप्ता की ओर से जारी निर्देश पर संघ ने अपनी गुमटी लगाना शुरू किया। बताया गया कि उन्हें केवल पांच एम्बुलेंस खड़े रखने की अनुमति है, लेकिन वह 40 से अधिक एम्बुलेंस खड़ी कर रहे हैं। हालांकि दो वर्ष पहले हुए करार के अनुरूप न तो चालक कोई राशि अपनी गुमटी लगाने और न ही एम्बुलेंस खड़ी के लिए चिकित्सालय कोष में दे रहे हैं।
जनाना के स्टाफ की भी एम्बुलेंस
कुछ एम्बुलेंस जनाना हॉस्पिटल के स्टाफ की है तो कुछ अधिकारियों ने ठेके पर चलवा रखी हैं। उन्हें रोकने के लिए कई बार चौकी पुलिस ने पहल की तो उन्हें हटवाने से लेकर हाथ-पैर तोडऩे तक की धमकी मिली।
मनमाना किराया

टीम ने जब शंकर नाम के चालक से चित्तौडगढ़़ जाने की बात कही तो उसने किराया 2500 रुपए बताया। बाद में जब किराये में कमी के लिए कहा तो उसने 2200 रुपए बताए। उन्होंने बताया कि कई गैस की गाडिय़ां हैं, जब जरूरत हो तो वह उपलब्ध करवा देंगे। इसी बीच एक अन्य राजू का फोन आने के बाद उसने राशि घटाकर 1700 रुपए तक कर दी।
 

 

 

 

 

 

अवैध रूप से गैस किट तो नहीं चल सकता। यदि केन्द्र सरकार की अनुमति वाला किट लगा हुआ है तो बात अलग है। हालांकि मरीजों को लेकर सावधानी बरतनी जरूरी है।
एमएल रावत, आरटीओ

 

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मैंने तो अब तक किसी को भी एम्बुलेंस खड़ी करने की अनुमति नहीं दी है। मैं जब अधीक्षक था तो मैंने छह को अनुमति दी थी, वह भी रोटेशन से। अधीक्षक अवैध रूप से खड़ी होने वाली इन एम्बुलेंस पर कार्रवाई करें। जल्द ही निर्देश देकर मामला दिखवाएंगे।
डॉ डीपी सिंह, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज

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