उदयपुर

फतहसागर को पानी देने वाले तालाब में पहुंच रही मार्बल स्लरी

डम्पिंग यार्ड से बाहर डाली जा रही मार्बल स्लरी बहकर जा रही तालाब में, हाइवे और खेतों के लिए आफत बनी मार्बल स्लरी, प्रशासन की अनदेखी पड़ सकती है भारी

उदयपुरSep 17, 2019 / 02:25 am

Pankaj

फतहसागर को पानी देने वाले तालाब में पहुंच रही मार्बल स्लरी

कपिल सोनी/गोगुंदा . क्षेत्र के चोरबावड़ी में बनाए गए डम्पिंग यार्ड के कारण मार्बल स्लरी आफत खड़ी कर रही है। कई मार्बल उद्योगों की ओर से यार्ड के बाहर स्लरी डाली जा रही है, जो हाइवे और खेतों में पहुंच रही है। यही नहीं यह मदार तालाब का कैचमेंट एरिया है। जिससे स्लरी तालाब में पहुंच रही है। तालाब का पानी फतहसागर में आता है, लिहाजा स्लरी की मात्रा फतहसागर में पहुंचने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
यार्ड से बाहर डाली जा रही स्लरी क्षेत्रवासियों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। मार्बल उद्योग से निकलने वाली स्लरी यार्ड में डालने में लापरवाही बरतते हुए यार्ड के आसपास ही डाली जा रही है। जो बरसात से बहकर हाइवे और खेतों में पहुंच गई है। लिहाजा हाइवे पर कीचड़ की परेशानी होने ली है, वहीं आसपास के किसानों के लिए मुसीबत खड़ी हो रही है।
मार्बल स्लरी हाइवे पर बहकर हादसों को बढ़ावा दे रही है। स्लरी डालने पहुंचने वाले डम्पर चालक रास्ते के गड्ढों में ही स्लरी डालकर जा रहे हैं। जिससे स्लरी बारिश के साथ हाइवे पर आ कर जम हो रही है। स्लरी के कीचड़ में वाहन फिसल रहे हैं। सोमवार को तो स्लरी डालने आया एक डम्पर ही स्लरी में फंस गया। ऐसे में गांव का रास्ता ही जाम हो गया। जमीन आरक्षित होते हुए भी बाहर डाली जा रही स्लरी को लेकर क्षेत्रवासी परेशान हैं, लेकिन प्रशासन बेखबर है।
तीन सौ बीघा का यार्ड
चोरबावड़ी में मार्बल स्लरी के लिए 300 बीघा जमीन आरक्षित कर रखी है। यार्ड शुरू करते समय भी ग्रामीणों ने काफी विरोध किया था। आखिर प्रशासन ने नहीं मानी और यार्ड चोरबावड़ी में ही स्थापित कर दिया। पूर्व में यार्ड चित्रकूट नगर में था, जो शहर के काफी करीब होने के साथ ही अपर्याप्त होने से परेशानी बन रहा था।
पाबंद करेंगे…
इस सम्बन्ध में ग्राम पंचायत ने शिकायत दर्ज करवाई है। जिला उद्योग केंद्र को समस्या से अवगत कराएंगे। मार्बल उद्योग कमेटी को भी तय स्थान पर ही स्लरी डलवाने के लिए पाबंद करेंगे।
विमलेन्द्रसिंह राणावत, तहसीलदार, गोगुंदा
जनता की जुबानी
स्लरी बहकर हाइवे पर आ रही है, जिससे वाहन चालक परेशान हो रहे हैं। पहले से ही क्षेत्र के किसान फसलों व पानी के दूषित होने से आहत हैं।
नाहरसिंह देवड़ा, सरपंच, गोगुन्दा
पंचायत में जल संरक्षण मे छोटे एनिकट के निर्माण की स्वीकृति इसलिए नहीं मिली की यह मदार तालाब का केचमेंट है, जिसका पानी फतहसागर आता है। जबकि स्लरी बहकर जलाशयों में जा रही है। प्रशासन लापरवाह है।
भारतसिंह, उपसरपंच, गोगुन्दा
डंपिंग यार्ड बनने के कारण पहले से आसपास की खेतों में फसल उत्पादन प्रभावित हुआ है। अब स्लरी डालने वालों ने गांव के मुख्य मार्ग को भी खराब कर दिया है। मनमर्जी से स्लरी डाल कर चले जाते हैं।
भंवरसिंह भादवीगुढ़ा, ग्रामीण
डंपिग यार्ड जाने वाले रास्ते में स्लरी डाली जा रही है। बरसात के साथ स्लरी बहकर हाइवे पर आ रही है, जिससे परेशानी हो रही है। पहले से ही पानी के साथ स्लरी बड़े जलाशय में जाकर पानी को दूषित कर रही है।
उदयसिंह मदाड़ा, ग्रामीण

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