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उदयपुर

सावन के चौथे सोमवार पर महाकाल की मंदिर परिसर में निकली शाही सवारी

– भगवान महाकाल के विग्रह रूप को परम्परागत रूप से मंत्रोच्चार सहित पूजा-अर्चना कर पालकी में किया बिराजित

उदयपुरJul 28, 2020 / 01:28 pm

madhulika singh

उदयपुर. सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर में श्रावण मास के चौथे सोमवार को परम्परागत शाही सवारी निकाली गई। राज्य सरकार के निर्देशानुसार व कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए भगवान महाकाल के विग्रह स्वरूप को रजत पालकी में बिराजित कर शाही लवाजमे के साथ मंदिर परिसर में ही सवारी निकाली गई।
प्रन्यास के सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि अभिजीत मुहूर्त में सभा मण्डल में भगवान महाकाल के विग्रह रूप को परम्परागत रूप से मंत्रोच्चार सहित पूजा-अर्चना कर पालकी को निज मंदिर से मंदिर परिसर में परिक्रमा करा गुफाा द्वार में प्रवेश कराया गया, जहां गुफा में सर्वप्रथम महर्षि दधीचि, विश्वकर्मा, कार्तिकेय स्वामी की पूजा अर्चना की गई। गुफा द्वार से शाही सवारी निकलती हुई दक्षिण द्वार पहुंची, जहां कालिका माता व महाकाल का परस्पर मिलन व स्तवन पूजन कर आरती की गई। बाद में शाही सवारी महाकाल के जयकारे के साथ बी-गार्डन के पास पहुंची, जहां जगदीश मंदिर से पधारे भगवान जगदीश के विग्रह स्वरूप ने भगवान महाकाल की अगवानी की, जहां महाकाल व जगदीश का परस्पर भव्य मिलन हुआ व आरती की गई। इसके बाद रूद्राक्ष भवन के आगे भगवान गणेश ने महाकाल की अगवानी की, जहां परस्पर स्तवन व पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद शाही सवारी अन्न क्षेत्र स्थित मां अन्नपूर्णा के स्थान पर पहुंची, जहां अन्न क्षेत्र के पदाधिकारियों ने पूजा अर्चना की। अंत में मंदिर परिसर के पूर्वी द्वार पर पहुंची, जहां अम्बिका माता व महाकाल का परस्पर मिलन हुआ। वहां पूजा-अर्चना कर आरती की गई। वहां से पुन: शाही सवारी सभा मण्डप में पहुंची, जहां आरती की गई।

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