उदयपुर

आरटीडीसी तो जयपुर के भरोसे था, यहां कोई कुछ भी करें, चस्पा नोटिस ही फाड़ दिया

जल संसाधन विभाग ने साफ कहा होटल में रिनोवेश कर सकते खुदाई नहीं, अब बोले कि आरटीडीसी का एईएन की उपस्थिति में होगा काम

उदयपुरJul 19, 2021 / 11:59 pm

Mukesh Hingar

आरटीडीसी तो जयपुर के भरोसे था, यहां कोई कुछ भी करें, चस्पां नोटिस ही फाड़ दिया

उदयपुर. जयसमंद झील की पाल पर स्थित आरटीडीसी होटल में स्वीविंग पुल बनाने को लेकर खुदाई के मामले में आरटीडीसी तो मौन ही था क्योंकि इस कार्य के आदेश-निर्देश सब जयपुर से होते है यहां वालों को कुछ पता नहीं था। अब जयपुर वाले तो होटल जिसे दी उसे देकर भूल गए और यहां झील के पास ताबड़तोड़ खुदाई कर दी गई। इधर जल संसाधन विभाग ने साफ कहा कि वहां रिनोवेश कर सकते है लेकिन खुदाई नहीं। दूसरी तरफ सबसे बड़ी बात यह है कि जो नोटिस वहां चस्पा किया उसको ही फाड़ दिया गया।

आरटीडीसी ने अब एईएन लगा जिम्मेदारी तय की
आरटीडीसी ने होटल में रिनोवेशन के कार्य पर निगरानी रखने को लेकर किसी को जिम्मेदारी नहीं दी जिसकी वजह से वहां पर निर्माण व खुदाई मनमर्जी से ही हुई जैसा ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने विरोध में कहा था। इस बीच जब माहौल बिगड़ा तो आरटीडीसी ने एईएन मनोज चौधरी को जिम्मेदारी दी कि अब वहां उनकी निगरानी में कार्य होगा। इस बारे में आरटीडीसी उदयपुर के जनरल मैनेजर सुनील माथुर से जब पत्रिका ने पूछा तो बोले कि यह सारा कार्य जयपुर मुख्यालय से हो रहा है उनको नहीं पता जबकि स्थानीय दूसरे विभाग नोटिस की प्रति होटल कजरी के मैनेजर को दे रहे है।
नोटिस में साफ लिखा कि पाल पर कम्प्रेशर लगा खुदाई कर रहे
इधर, जल संसाधन खंड सलूंबर के अधिशाषी अभियंता ने होटल में निर्माण पर उदयपुर के रामसिंह जी की बाड़ी निवासी सनील सुहालका को नोटिस दिया। इसमें कहा कि 6 जुलाई को बांध की सुरक्षा के मद्देनजर स्वीमिंग पूल के निर्माण का कार्य स्थगित रखने को कहा लेकिन मौका रिपोर्ट के अनुसार वहां पाल पर कम्प्रेशर लगाकर खुदाई का कार्य किया जा रहा है। जब उपखंड अधिकारी, तहसीलदार व पुलिस चौकी की टीम निरीक्षण करने गई तो होटल पर ताला लगा पाया। नोटिस में फिर कहा कि वहां पर सिर्फ रिनोवेशन कार्य की अनुमति प्राप्त है, ऐसे में किसी भी प्रकार का खुदाई कार्य नहीं किया जाए।

ऐसे चलती रही वहां नियम विपरीत गतिविधियां
– 9 जुलाई को जयसमंद में आरटीडीसी होटल संचालक की ओर से किए गए निर्माण को वन विभाग ने नियम विपरीत होने पर ध्वस्त कर दिया। तर्क दिया गया कि नियमों के अनुसार जयसमंद झील की पाल पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य व खुदाई करना मना है। उसके बावजूद बांध की पाल के पास तोडफ़ोड़ करते हुए निर्माण किया गया।
– 17 जुलाई को होटल में ग्रामीणों की माने तो ट्रैक्टर से ड्रील मशीन लगाकर पाल से सटकर खुदाई की जा रही थी। इसका जनप्रतिनिधियों से लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया था। टै्रक्टर जब्त किया गया और सरकार की तरफ से नोटिस चस्पा किया।
– 18 जुलाई को जिस स्थान पर नोटिस चस्पा किया गया था उसको ही फाड़ दिया गया।

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