25 किलोमीटर के इलाके में किए शिकार उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र में ही पैंथर ने फिर शिकार किया है। कल भी यहीं शिकार किया था। आज कालेवों का खेड़ा निवासी करीब साठ साल की महिला कमला कवंर को मार डाला। कमला अपने पशुओं के लिए चारा लाने के लिए गांव के नजदीक ही जंगल की ओर गई थी और वहां से आकर घर के नजदीक ही अपने बैल को आगंन में बांध रही थी। इसी दौरान पैंथर ने हमला कर दिया और पल भर में ही जान ले ली। कमला के चीखने की आवाजें सुनकर परिवार के सदस्य दौड़े भी थे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। पिछले कुछ दिनों में जितने भी शिकार हुए हैं वे करीब पच्चीस से 28 किमी के दायरे में ही हुए हैं।
अब तक चार पकड़े जा चुके, लेकिन नहीं थम रहीं मौतें वन विभाग, स्थानीय ग्रामीण, सेना और पुलिस की टीम अब तक चार पैंथर काबू कर चुकी हैं। इनमें से दो तो बुजुर्ग निकले। उनको काबू करने के लिए पूरे इलाके में आठ पिंजरे लगाए गए। ऐसा पहली बार हुआ कि सेना की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। ड्रोन उड़ाए गए और साथ ही अन्य तकनीकों से भी मदद ली गई। उसके बाद पैंथर काबू किए गए। लेकिन अब फिर से पैंथर ने शिकार किया है। वन मंत्री संजय शर्मा का कहना है कि अगर हालात काबू से बाहर जाने लगे तो पैंथर को शूट एट साइड का ऑर्डर दिया जाएगा, क्योंकि इंसान की जान सबसे कीमती है।
अब तक इन लोगों को मार डाला पैंथर ने, ऐसा पहली बार कि लगातार हो रहे शिकार
- 8 सितंबर को झाड़ोल इलाके में रहने वाली रामली बाई को पैंथर ने मार ड़ाला था।
- 19 सितंबर को पैंथर ने छाली पंचायत में उंडीथल गांव निवासी कमला का शिकार किया।
- 19 सितंबर को ही भेवडिया गांव निवासी खुमाराम गमेती का शिकार किया, कमला के शव से तीन किलोमीटर दूरी पर शव मिला।
- 20 सितंबर को नजदीक ही उमरिया गांव में रहने वाली हमेरी गमेती को पैंथर ने निवाला बनाया।
- 25 सितंबर को इसी जगह के नजदीक कुंडाउु गांव में रहने वाली पांच साल की बच्ची सूरज को पैंथर उठा ले गया और शिकार बना ड़ाला।
- 28 सितंबर को पैंथर ने नजदीक के गुर्जरों का गुढ़ा गांव निवासी गट्टू बाई को मार दिया और जंगल में ले गया।
- 29 सितंबर को पैंथर ने फिर से शिकार किया और राठौडों का गुढ़ा निवासी एक बुजुर्ग पुजारी विष्णु पुरी को खा लिया।
- 1 अक्टूबर को अब पैंथर ने कालेवों का खेड़ा निवासी 55 साल की कमला कवंर को निशाना बनाया है।
उल्लेखनीय है कि इस साल पैंथर उदयपुर के गोगुंदा और झाड़ोल इलाके में ही दस लोगों की जान ले चुका है। आठ लोगों की मौत तो आठ सितंबर से आज एक अक्टूबर के बीच ही हो चुकी है। यानी तीन सप्ताह में पैंथर आठ लोगों को खा गया। इससे पहले उसने पेंथर ने 23 जून को बिछ़ीवाड़ा इलाके में लक्ष्मीलाल भाट को मार डाला था। इसके बाद 11 अगस्त को नजदीक के इलाके में रहने वाले दस साल के बच्चे महादेव को मार डाला था। उसके बाद पैंथर कुछ दिन के लिए गुम हो गया और अब वह फिर से लौट आया है। अब तक चार पैंथर पकड़े गए हैं, लेकिन मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है।