उदयपुर . गुजरात में विधानसभा चुनाव का माहौल है। ऐसे में शराब तस्कर छोटे- बड़े 8 ट्रकों में करीब पौने दो करोड़ की अवैध शराब गुजरात पहुंचाने की फिराक में थे लेकिन राजस्थान की डूंगरपुर पुलिस ने उसे जब्त कर लिया। डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र स्थित शिशोद गांव में शराब माफियाओं ने एक बंद पड़ी सोपस्टोन फैक्ट्री में हिमाचल प्रदेश,अरूणाचल प्रदेश और चंडीगढ़ निर्मित अलग अलग ब्रांड की तीन हजार से ज्यादा शराब की पेटियां रखी हुई थी। सूचना पर पुलिस ने छापामारा तो यहां पर एक व्यक्ति पकड़ा गया।
फैक्ट्री में पांच बड़े ट्रक तीन छोटे ट्रक समेत 13 वाहन जब्त किए। यह वाहन शराब तस्करी के काम में लगे हुए थे। इन वाहनों के जरिए तस्कर शराब को रतनपुर बाॅर्डर से गुजरात की सीमा में दाखिला कराने वाले थे। रात को पुलिस अधीक्षक शंकरदत्त शर्मा के निर्देश पर धम्बोला एसएचओ ब्रजेशकुमार के नेतृत्व में यह कार्रवाई हुई। एसपी का कहना है कि उदयपुर संभाग में इतनी बड़ी मात्रा में शराब पकड़े जाने का यह पहला मामला है। पुलिस ने एक राजेन्द्र कुमार नाम के व्यक्ति को पकड़ा है जिसके जरिए दूसरे तस्करों तक पहुंचने में जुटी हुई है।
READ MORE : सीएस में इसी माह यदि कराएंगे रजिस्ट्रेशन तो होगा स्टूडेंट्स को ये लाभ, पढ़ें ये खबर.. शराब माफिया दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर और डूंगरपुर के रास्ते गुजरात में अवैध शराब को पहुंचाने का काम सालों से करते आ रहे हैं। शराब तस्करी के रूटचार्ट की बात करें तो इसमें सबसे ज्यादा अहम रास्ता -उदयपुर वाया डूंगरपुर होते हुए रतनपुर बाॅर्डर है। बाॅर्डर पार होते ही शराब गुजरात के श्यामलाजी, हिम्मतनगर के ठिकानों में जमा हाेे जाती है। इसके अलावा उदयपुर के पानरवा होते हुए गुजरात के खेड़ब्रह़मा पहुंचती है। अवैध शराब की तस्करी उदयपुर-पिण्डवाडा मार्ग से अंबाजी के रास्ते भी होती है। उदयपुर के खेरवाड़ा से राणी-छाणी का अंदरूनी रास्ता भी तस्कर काम में लेते हैं । इस तरह छोटे वाहनों के जरिए तस्कर लाॅॅन्च पेड से अवैध शराब की खेप कोटड़ा,पानरवा के कच्चे पक्के रास्तो से गुजरात पहुंचा देते हैं।