पुलिस ने शव को एमबी चिकित्सालय में रखवाया है। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने बच्ची के साथ किसी अन्य प्रकार की अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई का पता चल पाएगा।
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बताया जा रहा है कि गांव की 9 वर्षीय बालिका गत 29 मार्च से लापता थी। परिजन थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ ही उसे तलाश रहे थे। शनिवार देर शाम पुलिस को शव गांव के मंदिर के पास स्थित खंडहरनुमा मकान में कट्टे में मिला। शव के टुकड़े-टुकड़े कर कट्टे में डाला गया।
आरोपी ने बेरहमी से मासूम के दोनों हाथ व पैर अलग कर दिए थे। उसके शरीर पर जगह-जगह धारदार हथियार के निशान थे। कुछ ही देर में मौके पर सैकड़ों ग्रामीण पहुंच गए। थानाधिकारी ने पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। सूचना पर एएसपी मुकेश सांखला सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे।
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बिलखते रहे परिजन
बच्ची के माता-पिता व अन्य परिजन तीन दिन से हर जगह उसे तलाश रहे थे, गांव की गली-गली में ढूंढने के बाद भी नहीं मिलने पर घर में तीन दिन से चूल्हा तक नहीं जला। बच्ची के परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। पथराई आंखों से मां बार-बार आंगन में जाकर देखती रहती है कि बच्ची अभी आ ही जाएगी। परिजन ने बताया कि जब भी घर में किसी की दस्तक होती है तो लगता है कि बच्ची आ गई होगी, दिन रात सभी की आंखों में कट रही है, तो किसी के हलक से निवाला तक नहीं उतरा। बच्ची के माता-पिता को पूरा गांव मिलने व समझाने पहुंचता रहा।