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उदयपुर

हमदर्द बना पत्रिका तो सरकार ने बदले कायदे

राजस्थान पत्रिका के  मुद्दे पर प्रदेश के चिकित्सा महकमे ने संशोधित आदेश जारी कर कॉर्डियोलॉजी विभागों

उदयपुरJan 13, 2016 / 05:08 am

मुकेश शर्मा

udaipur

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उदयपुर।राजस्थान पत्रिका के मुद्दे पर प्रदेश के चिकित्सा महकमे ने संशोधित आदेश जारी कर कॉर्डियोलॉजी विभागों को हृदय रोगियों के लिए आवश्यक ‘नॉन मेडिकेटेड स्टेंटÓ को मेडिकेटेड मानकर ‘भामाशाह योजनाÓ के तहत गरीबों को उपचार सेवाएं देने को पाबंद किया है। साथ ही योजना के तहत एंजियोग्राफी का कोड भी जेनरेट किया गया। संशोधित आदेश की पालना में महाराणा भूपाल चिकित्सालय प्रशासन ने मंगलवार सुबह उस गरीब हृदय रोगी की भी सुध ली, जिसे सोमवार शाम चिकित्सालय के कॉर्डियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों ने अनुलब्धता एवं योजना की तकनीकी खामी बताते हुए बाजार से मंहगे दामों वाले स्टेंट लाने की सलाह दी थी।


इससे पहले चिकित्सालय के कॉर्डियोलॉजी वार्ड में भर्ती ग्राम पंचायत सेरिया, पंचायत समिति सलुम्बर निवासी खेमानंद की धीमी हो रही धड़कनों की परेशानी को समझते हुए राजस्थान पत्रिका ने व्यवस्था खामी की आवाज चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों तक पहुंचाई थी। इस पर अमल करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त निदेशक नीरज के. पवन ने योजना को लेकर संशोधित आदेश जारी कराने में सक्रियता निभाई। नतीजा यह हुआ कि सुबह कार्यालय खुलने के बाद ही चिकित्सालय के मेल पर संशोधित आदेश पहुंच गए। गौरतलब है कि इससे पहले कॉर्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कपिल भार्गव ने योजना खामी एवं स्टेंट की अनुपलब्धता बताते हुए गरीब हृदय रोगी को स्वयं के स्तर पर बाजार से स्टेंट खरीदकर लाने की सलाह दी थी। गौरतलब है कि पत्रिका ने 12 जनवरी के अंक में सरकारी तंत्र में उलझी मरीज की ‘धड़कनÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर अव्यवस्था से विभाग को अवगत कराया था।

खुद पहुंचे अधीक्षक

सुबह निदेशालय से जारी आदेश की पालना में खुद चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. तरूण गुप्ता एवं कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. मुकेश शर्मा मरीज की सुध लेने पहुंचे। उसे व्यवस्था सुधार के साथ ऑपरेशन करने का आश्वासन दिया। वार्ड के अन्य लोगों के मुताबिक चिकित्सकों ने हृदय रोगी से मामले में मीडियाबाजी नहीं कराने की भी बात कही।

महंगा है मेडिकेटेड

सरकारी सुविधा के तहत अब से पहले तक अधिकांश मरीजों को नॉन मेडिकेटेड स्टेंट लगाए जाते थे। यह कम लागत में उपलब्ध है। इसकी तुलना में मेडिकेटेड स्टेंट महंगा होता है, लेकिन उपचार की दृष्टि से यह अधिक फायदेमंद होता है। इस पर विशेष प्रकार का लेप होता है, जो स्प्रिंग से दिखने वाले स्टेंट पर जमने वाले द्रव्य को रोकता रहता है। इसकी आयु भी ज्यादा होती है। लेकिन, संशोधित आदेश के तहत योजना में अब मेडिकेटेड स्टेंट ही लगाए जाएंगे। यह राशि चिकित्सालय योजना के तहत बीमा कंपनी से क्लेम करेगा।

आए हैं आदेश

आदेश मिले हैं। पालना में मेडिकेटेड स्टेंट भी आ गया है। कल तक हृदय रोगी का ऑपरेशन किया जाएगा। डॉ. तरुण गुप्ता, अधीक्षक, एमबी चिकित्सालय


आदेश मिले हैं। पालना में मेडिकेटेड स्टेंट भी आ गया है। कल तक हृदय रोगी का ऑपरेशन किया जाएगा। डॉ. तरुण गुप्ता, अधीक्षक, एमबी चिकित्सालय

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