यह आइवीएफ राजस्थान का तीसरा सेंटर
उदयपुर में सरकारी स्तर पर खुलने वाला यह आइवीएफ
राजस्थान का तीसरा सेंटर होगा। अभी राजकीय महिला चिकित्सालय में प्रतिदिन दो सौ से ढाई सौ प्रसव होते हैं। इनके बीच कई ऐसे दम्पती भी हैं, जो निसंतान हैं और आर्थिक तंगी के चलते निजी आइवीएफ सेंटर पर नहीं जा पाते। सरकारी स्तर पर खुलने वाले सेंटर पर उन्हें निशुल्क उपचार मिल पाएगा। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर ने बताया कि इस सेंटर के लिए अब तक इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर सभी कार्य पूरे हो चुके हैं। मशीनरी के लिए एक बार टेंडर भी कॉल किया था। किसी फर्म के नहीं आने से सरकार से वापस स्वीकृति ली गई है। अब इसी माह शीघ्र ही टेंडर कॉल कर लिया जाएगा।
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आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर ने कहा आइवीएफ सेंटर की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार है। टीम ने निरीक्षण कर लिया है। मशीनरी व अन्य कामों के लिए एक बार टेंडर कॉल किया था। पहले में कोई फर्म नहीं आई। अब वापस स्वीकृति मिल चुकी है। शीघ्र ही इसी माह टेंडर कॉल किया जाएगा। निविदा खुलते ही यह सेंटर काम करने लगेगा। इस सेंटर के खुलने से निसंतान दम्पतियों को इलाज मिल पाएगा।
आइवीएफ से जन्मे बच्चे को कहते हैं टेस्ट ट्यूब बेबी
शहर में अभी निजी स्तर पर कई आईवीएफ सेंटर चल रहे हैं। महंगा इलाज होने से कई महिला मरीज लौट जाते हैं। सरकारी स्तर पर इस सेंटर के खुलने पर कई गरीब निसंतान दम्पती को सीधा फायदा होगा। चिकित्सकों ने बताया कि आइवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक तरह का फर्टिलिटी उपचार है। यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए सहायक है जिन्हें कोई जेनेरिक परेशानी है। विशेषज्ञों के अनुसार इन विट्रो फर्टिलाइजेशन में महिला आर्टिफिशियल तरीके से गर्भधारण करती है। इस प्रोसेस से जन्म लेने वाले बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है।