लेकिन फिर भी व्यापारी लाइसेंस को बनवाने में कोताही कर रहे हैं। उदयपुर में व्यापारियों की सुविधा के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की खाद्य सुरक्षा टीम की अेार से गुरुवार को कृषि मंडी में शिविर लगाया जाएगा।
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दाल चावल व्यापार संघ के सहयोग से कृषि मंडी के कांफ्रेंस हॉल में लगने वाले इस शिविर में सुबह 11 से शाम 4 बजे तक लाइसेंस बनाए जाएंगे। व्यापार संघ के अध्यक्ष गणेशलाल अग्रवाल व सचिव राजकुमार चित्तौड़ा ने व्यापारियों से अधिकाधिक संख्या में लाइसेंस बनवाने को कहा है।
लाइसेंस नहीं बनाया तो सजा का प्रावधान
राजस्थान सरकार के आदेशानुसार प्रत्येक खाद्य कारोबारी को एफएसएसएआई का लाइसेंस लेना अनिवार्य है। अगर दुकान, गोदाम, फैक्टी आदि में लाइसेंस नहीं पाया जाता है तो दुकान व जगह को सीज करने का प्रावधान है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि व्यापारी जिन्होंने लाइसेंस नहीं लिया, उनके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाया है।
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तीन तरह के होते हैं लाइसेंस
1- एफएसएसएआई के दो तरह के लाइसेंस होते है। इसमें पहला जिन व्यापारी का 12 लाख से टर्न ओवर कम होता है उनका लाइसेंस का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसकी सालाना फीस 100 रुपए है। यह अधिकतम पांच साल के लिए बनता है। व्यापारी अगर चाहता है तो वह 500 रुपए देकर पांच साल का लाइसेंस ले सकता है।
2- जिन व्यापारियों का टर्न ओवर 12 लाख से अधिक है, उन्हें 2 से 5 हजार रुपए देकर लाइसेंस बनवाना होता है। यह महज एक साल के लिए ही बनता है।
3- किसी व्यापारी की अगर पैकेजिंग यूनिट है तो वह तीन हजार रुपए देकर लाइसेंस बनवा सकता है। यह लाइसेंस भी महज एक साल के लिए बनता है।