बोहरा गणेश मंदिर का इतिहास राजस्थान में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। बोहरा गणेश मंदिर उदयपुर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर महाराणा राजसिंह के शासनकाल में बना था। इस मंदिर में भगवान गणेश की एक नृत्य करती हुई मूर्ति है। यह मूर्ति उत्तरमुखी है, जो मध्यकाल में बहुत लोकप्रिय थी। यह मंदिर उदयपुर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।
मंदिर का नाम “बोहरा” शब्द से लिया गया है, जो एक व्यापारी समुदाय का नाम है। कहा जाता है कि इस समुदाय के लोग इस मंदिर में आकर भगवान गणेश से अपने व्यापार में सफलता की कामना करते थे। मंदिर में भगवान गणेश की एक नृत्य करती हुई मूर्ति है। यह मूर्ति उत्तरमुखी है, जो मध्यकाल में बहुत लोकप्रिय थी।
बोहरा गणेश मंदिर में हर साल गणेश चतुर्थी पर एक विशाल मेला लगता है। इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर का विवरण बोहरा गणेश मंदिर एक छोटा सा मंदिर है जो उदयपुर शहर के केंद्र में स्थित है। मंदिर का निर्माण लाल पत्थर से किया गया है। मंदिर का मुख्य द्वार उत्तर की ओर है। मंदिर के अंदर गर्भगृह है, जिसमें भगवान गणेश की मूर्ति है। मूर्ति नृत्य करती हुई है और हाथों में मोदक और वरद हस्त मुद्रा है।
गणेश चतुर्थी पर मेले की तैयारी गणेश चतुर्थी पर बोहरा गणेश मंदिर में मेले की तैयारी शुरू हो गई है। मंदिर को सजाया जा रहा है और भक्तों के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मेले में प्रसादी, झूले, और अन्य मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे।
मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ गणेश चतुर्थी पर बोहरा गणेश मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते हैं। वे भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। मेले का महत्व
बोहरा गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी पर लगने वाला मेला एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। यह मेला उदयपुर के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण उत्सव है।