स्वामी ने पत्रिका में बातचीत में बताया कि इस तरह ई-कक्षा का कंटेंट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए अंग्रेजी में भी तैयार कराया जा रहा है। वहीं, चाइल्ड विद स्पेशल नीड्स के लिए साइन लैंग्वेज में ऑडियो-विजुअल कंटेंट भी तैयार कर दिया गया है। इसे लॉन्च भी कर दिया गया है और मिशन ज्ञान एप के माध्यम से इसे देखा जा सकता है।
प्रत्येक बच्चे का बनाया जा रहा पोर्टफोलियो प्रत्येक बच्चे का होमवर्क का पोर्टफोलियो बनाया जा रहा है। शिक्षकों द्वारा जो सप्ताह में एक बार होमवर्क छोटी कक्षाओं में और नौवीं से बारहवीं के लिए सप्ताह में दो बार दिया जा रहा है, उसका अपडेट पोर्टफोलियो पर करा जाता है। ये स्कूल में रखा जाएगा। इसमें शिक्षकों का प्रयास है कि हर बच्चा इससे जुड़े, उनके पास जाएं। उनके जो शंका-समाधान है, वह करें। इसके माध्यम से पोर्टफोलियो चैक करना है कि बच्चे वास्तव में जुड़ रहें हैं या नहीं तो इसे देखकर हम बता सकते हैं कि बच्चे जुड़ रहे हैं और होमवर्क भी कर रहे हैं।
टीसी के लिए शिक्षा से वंचित नहीं रखा जा सकता जिनके पास कागज नहीं हैं और जो शिक्षा से जुडऩा चाहते हैं उनके लिए बिना टीसी के प्रवेश का आदेश निकाला गया है। ऐसे में अस्थायी प्रवेश दिया जाएगा। जब उसके कागज पूरे हो जाएंगे तो उसका प्रवेश स्थायी रूप में कर दिया जाएगा लेकिन केवल इसलिए कि छात्र के पास टीसी नहीं है उसे शिक्षा से वंचित नहीं रखा जाएगा।