ई-मित्र प्लस की सुविधाओं पर धूल की चादर
स्मार्ट सिटी की स्कूलों के गंदे कमरों में खड़ी कर दी गईं
ई-मित्र प्लस की सुविधाओं पर धूल की चादर
उदयपुर. डिजिटलीकरण के दावों के बीच स्मार्ट सिटी में ई-मित्र प्लस की मशीनें धूल फांक रही हैं। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीओआइटी) ने कई जगह ये मशीनें सरकारी स्कूलों के सबसे खराब स्थानों पर लगा दी हैं, जहां कहीं कबाड़ पड़ा है, तो कहीं इनकी पहुंच आसान नहीं है। अव्वल तो ये मशीनें आम लोगों के भी काम आनी थी, मगर इन्हें सरकारी स्कूलों में बंद कर दिया गया है।
उदाहरण के तौर पर शहर में चेटक सर्किल स्थित गुरु गोविन्द सिंह महाविद्यालय दूसरे प्रवेशद्वार के बायीं ओर एक जर्जरहाल तंग कमरे में यह मशीन पड़ी है, जिसके लिए न तो कोई सूचना बोर्ड लगा है, न बाहर से देखने पर पता चलता है कि अन्दर कोई डिजिटल सेवा उपलब्ध है। हालांकि मशीन चालू अवस्था में थी, लेकिन अन्दर टूटा फर्नीचर पड़ा था। गंदे-फटे कपड़े, केरोसिन का स्टोव, चारों तरफ धूल और गंदा फर्श बदबूदार माहौल पेश कर रहे थे। कमरा इतना तंग था कि अन्दर एकसाथ पांच लोग खड़े नहीं रह सकते हैं। खास बात यह कि ज्यादातर विद्यार्थियों को यह पता ही नहीं कि यह मशीन क्या काम आती है। दूसरा जिनको इसके बारे में जानकारी थी, उनका कहना था कि खुद की एसएसओ आइडी से हरेक पेज का प्रिंट लेने की दर दस रुपए है, जो कि बाजार दर से भी ज्यादा महंगी है।
– उपयोग कहां, रखी कहां
ई-मित्र प्लस सेवा से जुड़ीं दो अनुबंधित कर्मचारी ने बताया कि शहर के कई स्कूलों में ये मशीनें रखी गई हैं। सरकारी भवनों में भी ये उपलब्ध हैं। सवाल यह कि विद्यार्थियों और काम लोगों की सुविधा के लिए स्कूलों और सरकारी दफ्तरों में लगाई गई इन मशीनों के इस्तेमाल को लेकर अभी तक लोगों को पूरी तरह जागरूक नहीं किया गया है। यह भी सवाल उठता है कि इन्हें सरकारी स्कूलों में ऐसी जगहों पर लगा दिया है, जहां विद्यार्थियों की आसान पहुंच नहीं है। इधर, इस सम्बंध में सम्पर्क करने पर डीओआइटी की उप निदेशक शीतल अग्रवाल ने फोन रिसीव नहीं किया।
– यह है मकसद
ई-मित्र सर्विस एटीएम मशीन के जरिये 270 से भी अधिक सेवाएं देने का दावा है। एटीएम जैसी दिखती मशीन में 32 इंच एलइडी के साथ मॉनिटर डिवाइस, वेब कैमरा, कैश असेप्टर, कार्ड रीडर, मैटलिक की बोर्ड, रसीद के लिए वार्मल प्रिंटर, लेजर प्रिंटर आदि मौजूद हैं। आमजन ई-मित्र कियोस्क की सुविधाएं यहां प्राप्त कर सकता है। एसएसओ आइडी बनानी होगी। आइडी कियोस्क ऑपरेटर की होगी। कोई भी उपभोक्ता कार्य से संबंधित कागजात के साथ ई-मित्र प्लस कियोस्क मशीन की-बोर्ड के माध्यम से कार्य का चयन कर पंजीयन करेगा। उपभोक्ता से सुविधा शुल्क कैस रिसेप्टर व कार्ड स्वाइप कर किया जा सकेगा। भुगतान के बाद लेजर प्रिंटर से रसीद मिलती है। मशीन से जमाबंदी की नकल, जन्म-मृत्यु, जाति, मूल-निवास प्रमाण पत्र का प्रिंट, बिजली, पानी के बिल जमा करना आदि सुविधाएं मिलती हैं।
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