उदयपुर

लचर व्यवस्था का नतीजा, अर्थी ले जाने के लिए यहां चार कंधों की नहीं, नाव की जरूरत

Udaipur News: आजादी के 77 साल बाद भी यहां जीवन के अन्तिम सफर के लिए नाव से अर्थी ले जानी पड़ रही है।

उदयपुरOct 23, 2024 / 02:32 pm

Alfiya Khan

Udaipur News: खेरवाड़ा। तहसील के लराठी गांव के डोपचा फला के लोगों की परेशानी अपने आप दर्द बयां कर रही है। आजादी के 77 साल बाद भी यहां जीवन के अन्तिम सफर के लिए नाव से अर्थी ले जानी पड़ रही है।
इस वर्ष की बारिश के बाद सोम कागदर डेम का बैक वाटर भरे रहने से इस फले के निवासियों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। ऐसा ही वाक्या मंगलवार को सामने आया। गांव के ललित कुमार ने बताया कि गोमती देवी पत्नी संग्राम सिंह की मौत हो गई। जिनकी अर्थी को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा।
यह भी पढ़ें

सावधान! राजस्थान में पशुओं से इंसानों में आ रही यह बीमारी, चिकित्सा विभाग ने जारी किया अलर्ट

यहां के निवासी अपनी जान जोखिम में डालकर दैनिक कार्य के लिए एक ओर से दूसरी ओर आते-जाते हैं। यहां कई वर्षों की मांग के बाद पुलिया निर्माण तो हुआ, लेकिन एक रोड से दूसरे गांव को जोड़ने के चलते गांव नीचे रह गया और पुलिया गांव के ऊपरी हिस्से में बना दिया गया। पुलिया बनने की जगह को लेकर पहले विरोध भी हुआ था, क्योंकि आमजन का निवास नीचे के क्षेत्र में होने से उसका उतना उपयोग नहीं रह गया।
यह भी पढ़ें

यात्रीगण कृपया ध्यान दें: रेलवे ने लिया बड़ा फैसला! राजस्थान से चलाई 2 स्पेशल ट्रेन, जानें डिटेल

Hindi News / Udaipur / लचर व्यवस्था का नतीजा, अर्थी ले जाने के लिए यहां चार कंधों की नहीं, नाव की जरूरत

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.