विद्या भवन पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. अनिल मेहता ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 21 जुलाई 2006 को विद्या भवन सोसायटी की प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम में आए थे। वे विद्या भवन के तत्कालीन अध्यक्ष जगत मेहता के निमंत्रण पर आए थे। इस दौरान उन्होंने विद्या भवन, पर्यावरण संरक्षण, झील संरक्षण पर विस्तृत चर्चा भी की थी।
विद्या भवन की 75 वर्ष की यात्रा और झील पर्यावरण पर लगी प्रदर्शनी दिखाने की जिम्मेदारी डॉ. अनिल मेहता को मिली थी। इस दौरान आयोजन में तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, नमो नारायण मीणा, वासुदेव देवनानी, तत्कालीन राज्यपाल प्रतिभा पाटिल, डॉ. गिरजा व्यास आदि की मौजूदगी रही।
विद्या भवन को बताया था तीर्थ
यहां उद्बोधन में मनमोहनसिंह ने विद्या भवन के लिए कहा था कि मेरे लिए यह निस्वार्थ सेवा और शिक्षा के पवित्र केंद्र की तीर्थ यात्रा है। विद्या भवन हमारे अच्छे नागरिक होने के गौरवशाली प्रतीकों में से एक है। कहा कि मेरे अच्छे दोस्त जगत मेहता ने अपने पिता और विद्या भवन से जुड़े लोगों के अच्छे काम को आगे बढ़ाया है। जब मैं पहली बार एक छात्र के रूप में इंग्लैंड गया था, तो तत्कालीन विदेश सचिव जगत मेहता से मिला। हम करीब 50 साल से दोस्त हैं। उन्होंने डॉ. मोहनसिंह मेहता के योगदान को याद किया और उनकी दी जाने वाली शिक्षा को वैज्ञानिक सोच और मानवतावाद से प्रेरित बताया।पुस्तक का किया जिक्र
सिंह ने कहा था कि मैंने जगत मेहता की ’शिक्षा में स्वैच्छिकता के माध्यम से जिम्मेदार नागरिकता को बढ़ावा देने’ पर लिखी पुस्तिका पढ़ी है। जहां सभी के लिए बुनियादी शिक्षा प्रदान करते हुए अपनी भूमिका निभानी चाहिए, वहीं निजी संगठनों को भी अपनी भूमिका निभाने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। लेकिन, निजी क्षेत्र को शिक्षा में निवेश से कहीं अधिक लाना चाहिए। यह शिक्षाविदों की दूरदृष्टि ही है, जिसने अंतत: महान शिक्षण संस्थानों का निर्माण किया।यहीं हुई थी मनमोहन सिंह और टोनी ब्लेयर की वार्ता
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर एक विशेष शिखर वार्ता के लिए 8 सितम्बर 2005 में उदयपुर आए थे। यह मुलाकात दो देशों के बीच संबंधों को नई दिशा देने के साथ ही वैश्विक मुद्दों पर सहयोग के नए आयाम स्थापित करने के लिए आयोजित की गई थी। शिखर वार्ता में अंतरराष्ट्रीय व्यापार, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक शांति, और आर्थिक विकास जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इस वार्ता के लिए उदयपुर का चयन केवल पर्यटन महत्व के कारण नहीं, बल्कि शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण को ध्यान में रखते हुए किया गया था। पिछोला के किनारे स्थित होटल में दोनों ने अपनी बात रखी।
कांग्रेस में शोक की लहर
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव एवं प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा ने गहरा शोक जताया। कहा कि डॉ. सिंह का योगदान भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों में हमेशा याद किया जाएगा। डॉ. सिंह ने 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की राह पर ले जाकर देश को एक नई दिशा दी। उनका दूरदर्शी नेतृत्व और आर्थिक नीतियां भारत को वैश्विक पटल पर मजबूत स्थिति में लेकर आईं। दो कार्यकाल तक प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनका निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। डॉ. सिंह शांत और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जिनमें सूचना का अधिकार अधिनियम और मनरेगा प्रमुख थे।