इस पर नगर निगम की टीम ने बुधवार तक मुख्य दोनों गेट के सामने अपनी तरफ से लगाई रेडीमेड ब्राउण्डीवाल को हटा दिया। जैसे ही यह बात कुछ पार्षदों को पता चली, तो सब चकरा गए कि नगर निगम के सदन ने जिस गेट को बंद किया उसे खोल कैसे दिया। मेयर से लेकर कई पार्षद भी डीएलबी के इस आदेश को लेकर सशंय में हैं कि सदन के निर्णय के विपरीत यह आदेश कैसे जारी कर दिया गया। बताते हैं कि डीएलबी ने गेट खोलने तथा पुलिस-प्रशासन पर मामला छोड़ दिया जबकि निगम का कहना है कि निगम सीमा में अवैध निर्माण या अतिक्रमण के मामले निगम ही देखता है। ऐसे में आदेश को लेकर खासी चर्चा बनी रही।
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वैसे भी जाम रहता उस जगह
जिस जगह पर गेट बनाए गए हैं, वहां वैसे भी जाम रहता है। शनिवार व रविवार को तो पुलिस भी जाम से बड़ी परेशान रहती है। टर्न होने से अगर वहां पर होटल के अंदर वाहनों का आना-जाना शुरू हो जाता है तो स्थिति बहुत विकट हो जाएगी और हादसे की भी आशंका रहती है। ये सब बातें पार्षदों ने रखी भी थी।
वैसे भी जाम रहता उस जगह
जिस जगह पर गेट बनाए गए हैं, वहां वैसे भी जाम रहता है। शनिवार व रविवार को तो पुलिस भी जाम से बड़ी परेशान रहती है। टर्न होने से अगर वहां पर होटल के अंदर वाहनों का आना-जाना शुरू हो जाता है तो स्थिति बहुत विकट हो जाएगी और हादसे की भी आशंका रहती है। ये सब बातें पार्षदों ने रखी भी थी।
प्रशासन तो रास्ता चौड़ा कर रहा है
नगर निगम व यूआईटी मिलकर इस टर्न पर हादसे रोकने और जाम की परेशानी खत्म करने के लिए रास्ते को चौड़ा कर रहे हैं। नहर के पास सरकारी बिल्डिंग को पीछे शिफ्ट कर रास्ते को भी चौड़ा किया जा रहा है। पार्किंग भी बना रहे हैं। ऊपर से यह रास्ता खुलने से स्थिति और खराब हो जाएगी।
सरकार के सामने पक्ष रखेंगे
होटल प्रबंधन निगम के निर्णय को लेकर डीएलबी में गया था। वहां से होटल के पक्ष में आदेश हुए। हमने उसकी पालना की है। फिर भी सरकार के समक्ष हम अपना पक्ष रखेंगे।
सिद्धार्थ सिहाग, आयुक्त, नगर निगम
होटल प्रबंधन निगम के निर्णय को लेकर डीएलबी में गया था। वहां से होटल के पक्ष में आदेश हुए। हमने उसकी पालना की है। फिर भी सरकार के समक्ष हम अपना पक्ष रखेंगे।
सिद्धार्थ सिहाग, आयुक्त, नगर निगम