सुबह 7 बजे ही सिटी पैलेस समीप स्थित गुलाब स्वरूप बिहारी मंदिर के बाहर कुछ श्रद्धालु श्री राधा रमण हरि बोल… का संकीर्तन कर रहे थे, वहीं अन्य भक्त इसकी धुन पर झूम रहे थे। देवस्थान मंत्री रावत ने सिटी पैलेस के समीप स्थित गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर में दर्शन कर पदयात्रा का शुभारंभ किया।यहां से यात्रा जगत शिरोमणिजी मंदिर, जवान स्वरूपेश्वरजी, जगन्नाथराय जी (जगदीश मंदिर), जवान सूरज बिहारीजी मंदिर, प्रताप नारायणजी, धनेश्वरजी, पांच महादेव, भीम परमेश्वरजी, उदयश्यामजी फिरंगी घाट होते हुए अमराई घाट स्थित सरदार स्वरूप श्यामजी मंदिर पहुंचकर आरती के साथ संपन्न हुई।
———– लड्डू गोपाल को लेकर शुरू की यात्रा देवस्थान मंत्री रावत ने यात्रा की शुरुआत लड्डू गोपाल को हाथों में लेकर नंगे पैर पदयात्रा कर की। इसके बाद बारी-बारी से अन्य अन्य विशिष्टजन भगवान के बाल स्वरूप को लेकर चले। मार्ग में जगह-जगह शहरवासियों ने पुष्पवृष्टि कर यात्रा का स्वागत किया।
——— नई पीढ़ी को संदेश देने हुआ आयोजन मंत्री रावत ने कहा कि राजधानी जयपुर में पहले आयोजन के बाद उदयपुर का यह आयोजन नई पीढ़ी को हमारी संस्कृति, हमारी धरोहर, हमारी कला और परंपराओं की पहचान और उनके प्रति जागरुकता के लिए किया गया। उन्होंने आह्वान किया कि भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में विशिष्ट व पूजनीय है और हमें संस्कार विरासत में मिलते हैं इन्हें सहेजने की महती आवश्यकता है।
——- गूंजे संकीर्तन इस्कॉन एवं हरे कृष्णा के श्रद्धालुओं ने पूरे यात्रा मार्ग में ढोलक, मंजीरों और अन्य वाद्य यंत्रों पर हरे कृष्णा-हरे रामा…, श्री राधा रमण हरि बोल… आदि संकीर्तन किए। गणगौर घाट पर लोक कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुतियों पर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
——– समापन समारोह को किया संबोधित देवदर्शन पदयात्रा का समापन मांजी का मंदिर पर हुआ। यहां आयोजित समारोह में मंत्री रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बना रहे। इस कार्यक्रम में हर वर्ग की भागीदारी ने मुख्यमंत्री की मंशा को साकार किया।
——— 5 साल के रुद्रादित्य ने बांधा समां समापन समारोह में नाथद्वारा मंदिर मंडल के कीर्तनकारों ने हवेली संगीत की प्रस्तुति दी। मंडल के 5 साल के कीर्तनकार रुद्रादित्य ने मधुबन में राधिका नाचे रे…, की मनमोहक प्रस्तुति देकर समा बांध दिया। संचालन सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने किया।