उल्लेखनीय है कि उदयपुर निवासी सुदर्शना सिंह चुण्डावत ने अक्टूबर 2022 में घरेलू हिंसा का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 12 के अधीन परिवाद दिया था। इसमें पति विक्रमादित्यसिंह, उनकी मां, ननद, ननदोई और चंडीगढ़ निवासी एक महिला पर आरोप लगाए थे। भरण पोषण के लिए मूल प्रार्थना पत्र के साथ ही अंतरिम भरण पोषण की भी मांग की गई थी। इस पर कोर्ट ने अंतरिम भरण पोषण के रूप में प्रतिमाह चार लाख दिए जाने का फैसला दिया।
उदयपुर का सबसे बड़ा फैसला !
परिवादी सुदर्शना सिंह चुंडावत के वकील भंवरसिंह देवड़ा ने बताया कि संभवतया उदयपुर पारिवारिक न्यायालय क्रम-3 का यह सबसे बड़ा फैसला है। अभी अंतरिम भरण पोषण का आदेश है, प्रकरण आगे चलता रहेगा। अंतिम फैसला नहीं आने तक भरण पोषण की राशि देनी होगी, जो प्रार्थना पत्र लगाने की तारीख से लागू होगी।
विपक्षी ने की थी याचिका खारिज की मांग
घरेलू हिंसा के मामले में आरोपी विक्रमादित्यसिंह ने उनके विरुद्ध दायर याचिका को निरस्त करने के लिए प्रार्थना पत्र एक साल पहले पेश किया था। गत वर्ष कोर्ट से समन जारी होने के बाद लगातार पेशी की तारीखें बढ़ती गई और आरोपी पक्ष की ओर से समय मांगा जा रहा था। वे 5 फरवरी 2023 में व्यक्तिश: कोर्ट में पेश हुए थे।