राजस्थान पत्रिका के 22 अक्टूबर के अंक में विक्षिप्त कौन? मानसिक रूप से कमजोर युवती के पेट में आठ माह का गर्भ शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी। विक्षिप्त युवती गर्भवती हालत में शहर के एक पार्क में घूमती हुई मिली थी। आसपास की महिलाओं की उस पर नजर पड़ी तो उन्होंने परिजनों का पता लगाया।
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पड़ताल में पालनहार के रूप में सिर्फ मां सामने आई। मां ने कहा कि बेटी के साथ घिनौना काम किसने किया उसे नहीं पता। पति की मौत के बाद वह घर में अकेली कमाने वाली है। घरों में झाडू-पोंछा करके वह सास, बेटी व दो पोतों को पाल रही है। बेटा शराब का आदी होने से घर नहीं आता है। ऐसी हालत में बेटी के साथ यह कुकृत्य किसने किया, उसे नहीं पता।
ट्रांसलेटर को पीड़िता ने बताए आरोपियों के नाम
पुलिस ने बताया कि पीड़िता सातवीं कक्षा तक पढ़ी लिखी है, उसकी हालत सामान्य होने पर मूकबधिर के ट्रांसलेटर को बुलाकर उससे बातचीत करवाई। बातचीत के दौरान उसने इशारों में बलात्कार करने वाले तीनों आरोपियों के नाम बता दिए। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि तीनों आरोपी भी मूकबधिर है वे इस पीड़िता के साथ स्कूल में थे। पुलिस नामजद तीनों आरोपियों की तलाश में जुटी है।
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छत से कूद गई युवती, पैर में फ्रैक्चर
मोहल्लेवासियों की सूचना पर सीडब्ल्यूसी पूर्व अध्यक्ष प्रीति जैन व बाल सुरक्षा नेटवर्क के बी.के.गुप्ता ने उसे सखी सेंटर में रखवाया था। युवती के बार-बार भागने के कारण सेन्टर संचालिका ने उसे बडग़ांव सेवा मंदिर संस्था छोड़ा। जहां पर युवती ने बहुत परेशान किया, रात में उसने वहां रह रही महिलाओं से मारपीट भी की। मौका देखकर वह एक बार दीवार कूदकर भाग निकली, एक बार गार्ड ने उसे पकड़ लिया, लेकिन बुधवार रात को वह छत से कूद गई। इससे उसके पैर फ्रेक्चर हो गया। रात को ही संस्था की टीम ने उसे एमबी चिकित्सालय में भर्ती करवाया। पुलिस ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही मेडिकल व डीएनए करवाया।
पीड़िता की मां की रिपोर्ट के आधार पर बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया है। 161 के बयानों में तीनों मूकबधिर आरोपियों को नामजद किया गया है। शुक्रवार को उसके कोर्ट में 164 के बयान करवाए जाएंगें।
रामसुमेर, थानाधिकारी, हिरणमगरी