दरअसल गांव की एक लडक़ी ने दो माह पहले अन्य जाति के युवक से प्रेम विवाह कर लिया था। लड़की के पिता ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया। इस पर पुलिस लड़की को ढूंढक़र परिजनों के पास लाई। परिजनों के समझाने के बाद भी वह लड़के के साथ ही रहने की जिद किए थी। परिजनों ने बेटी को हर तरीके से समझाया तो उसने मां-बाप को पहचानने से ही मना कर दिया। इससे पिता इतना आहत हुआ कि बेटी को अपने लिए मरा मान लिया। उन्होंने शोक पत्रिका छपवाई। शोक पत्रिका में बेटी के 22 मई को अंतरजातीय विवाह करने की वजह लिखी और लोगों को शोक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इसी को लेकर बुधवार को पिता सहित परिजनों ने सिर के बाल भी मुंडवाए और मृत्युभोज किया। परिवार को सांत्वना देने के लिए कुछ रिश्तेदार भी जुटे थे।