उदयपुर. कोरोना ने भले ही मार्च से अब तक शहर से लेकर जिले में मौत का तांडव खेला हो, लेकिन सरकारी आंकड़ों में पिछले वर्ष इसी समय की तुलना में करीब साढ़े नौ सौ मौते ज्यादा हुई थी। जिले में गत वर्ष 1 मार्च 19 से 31 अगस्त तक 10799 लोगों की मौत हुई थी, जबकि इसी समय अन्तराल में इस वर्ष 9857 मौते हुई हैं। सरकार के बक्से में पंजीकृत मृतकों के आंकड़ों की माने तो गत वर्ष इस वर्ष से 942 मौतें ज्यादा हुई है।
—– ये है ब्लॉकवार स्थिति ब्लॉक – मौत (2019)/ मौत (2020)1. कानोड 36 /412 सलूम्बर 372 /3523. उदयपुर 4224/ 36894. फ तहनगर 71 /765. भींडर 64 /716. नयागांव 0 /437. वल्लभनगर 4 /948. सेमारी 249 /2519. झल्लारा 220 /19810. सराड़ा 366 /34411. सायरा 248 /25012. फ लासिया 211 /20113 लसाडिय़ा 178 /17114 कोटड़ा 380 /31515 गोगुंदा 265/25616 झाड़ोल 260 /29217 कुराबड़ 247/24118 गिर्वा 761/64719 ऋ षभदेव 278/271 20 बडग़ांव 597/51521 खेरवाड़ा 469/ 39022. मावली 656/ 64423 भींडर 643/505
——- उदयपुर ब्लॉक में इस वर्ष की तुलना में गत वर्ष 535 मौते ज्यादा हुई थी। तो नयागांव में पिछले वर्ष 0 मौते दर्ज थी, जो बढ़कर इस बार 43 मौते दर्ज की गई है। बडग़ांव में पिछले वर्ष 82, खेरवाड़ा में 79, भींडर में 138 और गिर्वा में 114 मौते ज्यादा हुई थी। इसी प्रकार वल्लभनगर में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 90 मौते ज्यादा हुई हैं। – खास बात ये है कि सरकारी स्तर पर जो आंकडों का पंजीकरण करवाया जाता है, वह पूरा नहीं होता है, यानी वाकई जो मौते होती है, वह सभी दर्ज नहीं होती, लेकिन यदि इस वर्ष मौत के आंकड़े देखे जाए तो पिछले वर्ष की तुलना में कम हैं, जबकि कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या भी कम नहीं।