कॉमिक्स बना मनोरंजन और टाइमपास का जरिया
लॉकडाउन के बीच समय बिताने के लिए इन कॉमिक्स का जमकर सहारा लिया जा रहा है। नौकरीपेशा दिशा जोशी ने बताया कि उन्होंने अपने जमाने में खूब कॉमिक्स पढ़ी थीं लेकिन अब बच्चे टीवी के कार्टून कैरेक्टर्स देख कर बड़े हो रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण टाइमपास के चलते एक बार फिर कॉमिक्स पढ़ी जा रही हैं। वॉट्सएप पर कॉमिक्स की पीडीएफ फाइल्स मिली, जिसे डाउनलोड कर बच्चों को भी पढ़ाया। इसी तरह राकेश जानी ने बताया कि 1990 के दौर में इन कॉमिक्स का बच्चों और यूथ के बीच बड़ा क्रेज था, लेकिन धीरे-धीरे मनोरंजन के दूसरे साधन मार्केट में उपलब्ध होने से कॉमिक्स बाजार से गायब हो गए. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन से एक बार फिर इन कॉमिक्स का दौर आ गया है। एक बार फिर से ये कॉमिक्स लोगों के मनोरंजन का साधन बन गए हैं।
लॉकडाउन के बीच समय बिताने के लिए इन कॉमिक्स का जमकर सहारा लिया जा रहा है। नौकरीपेशा दिशा जोशी ने बताया कि उन्होंने अपने जमाने में खूब कॉमिक्स पढ़ी थीं लेकिन अब बच्चे टीवी के कार्टून कैरेक्टर्स देख कर बड़े हो रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण टाइमपास के चलते एक बार फिर कॉमिक्स पढ़ी जा रही हैं। वॉट्सएप पर कॉमिक्स की पीडीएफ फाइल्स मिली, जिसे डाउनलोड कर बच्चों को भी पढ़ाया। इसी तरह राकेश जानी ने बताया कि 1990 के दौर में इन कॉमिक्स का बच्चों और यूथ के बीच बड़ा क्रेज था, लेकिन धीरे-धीरे मनोरंजन के दूसरे साधन मार्केट में उपलब्ध होने से कॉमिक्स बाजार से गायब हो गए. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन से एक बार फिर इन कॉमिक्स का दौर आ गया है। एक बार फिर से ये कॉमिक्स लोगों के मनोरंजन का साधन बन गए हैं।
किताबें भी हो रहीं वॉट्सएप पर शेयर इसी तरह लोग किताबों की पीडीएफ फाइल्स भी एक-दूसरे को फॉरवर्ड कर रहे हैं। इसमें प्रेमचंद की कहानियां तो सबसे ज्यादा शेयर की जा रही हैं। इसके अलावा भी कई तरह की कहानियों और कविताओं की बुक्स आपस में शेयर की जा रही हैं ताकि कोई घर में किसी को बोरियत नहीं हो। वहीं, ऑनलाइन प्लेटफार्म लॉकडाउन के मद्देनजर बच्चों के लिए नि:शुल्क किताबें पढऩे एवं उन्हें मुफ्त डाउनलोड करने की सुविधा दे रहे हैं। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास अपनी चुनिंदा और लोकप्रिय किताबों को मुफ्त में डाउनलोड कराने की सुविधा मुहैया करा रहा है।