सहायक उपवन संरक्षक नरपत सिंह राठौड़ ने बताया कि भल्लों का गुड़ा और आसपास के क्षेत्र में करीब एक माह से पैंथर की गतिविधि दिखाई दे रही थी। गत 16 जून को भी इसने एक मवेशी को मार दिया था। इसके बाद वन विभाग ने यहां पिंजरा लगाया। इसी दौरान बुधवार रात को पास के ही गांव करगेट में मदनलाल मेघवाल की गाय के बछड़ी को मार दिया। इस पर गुरुवार को पिंजरे की लोकेशन करगेट करके बछड़ी के अवशेष डाले गए। इससे पैंथर पिंजरे में कैद हो गया। यह पैंथर 3 से 4 साल का है और पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
इस दौरान सहायक वनपाल लक्ष्मी एवं दिग्विजय सिंह द्वारा निगरानी की गई। पैंथर के पिंजरे में कैद होने पर शुक्रवार को दूरदराज के वन क्षेत्र में छोड़ा गया।
इस दौरान सहायक वनपाल लक्ष्मी एवं दिग्विजय सिंह द्वारा निगरानी की गई। पैंथर के पिंजरे में कैद होने पर शुक्रवार को दूरदराज के वन क्षेत्र में छोड़ा गया।