बार अध्यक्ष भरत जोशी व महासचिव राजेश शर्मा ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने थानों के अलावा कार्यपालक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में गिरफ्तार कर पेश किए जा रहे अभियुक्तों के संबंध में निशुल्क विधिक सहायता के संबंध में पत्र जारी कर समस्त थानो में चस्पा करवाए, जो कि अधिवक्ता हितों एवं विधि व्यवसाय के विपरीत है। बार के समस्त अधिवक्ताओं ने इसका विरोध करते हुए हस्ताक्षरित पत्र के जरिए मुख्य न्यायाधीश व संरक्षक न्यायाधीश एवं जिला न्यायाधीश को पत्र लिखा। पत्र में अधिवक्ताओं ने आदेश का विरोध दर्ज करवाते हुए कहा कि बार एसोसिएशन के अधिवक्ता उक्त प्रक्रिया से आहत है। अधिवक्ताओं ने कहा कि उक्त आदेश को वापस नहीं लिया गया तो अधिवक्ता आंदोलन को जारी रखेंगे तथा राष्ट्रीय व राज्य लोक अदालत का भी बहिष्कार करेंगे। आदेश से न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ताओं के ऊपर कुठाराघात है।