अस्पताल के ट्रोमा वार्ड के एक्स-रे रूम में एक लाल रंग का बैग मिलने पर कार्मिकों ने जांच की तो विस्फोटक सामग्री मिली। जिसे देखते ही हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन व पुलिस को जानकारी दी। इस बीच अस्पताल परिसर में अफरा तफरी का माहौल हो गया और लोग परिसर खाली करके बाहर निकल गए। सूचना पर हाथीपोल थाना पुलिस का जाप्ता मौके पर पहुंचा। पुलिस ने पड़ताल की तो बैैग में धौलपुर की एक फैक्ट्री में बने पांच गुल्ले व पांच छड़ियां और टोपी मिली। पुलिस ने बैग जब्त कर जांच शुरू की।
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पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि यह बैग खोड़ी महुड़ी (परसाद) निवासी जगदीश लेकर आया है, जिसे दो दिसबर को दुर्घटनाग्रस्त होने पर यहां अस्थि रोग विभाग के तीसरे माले में आईसीयू में भर्ती करवाया था। एक्स-रे करवाने के दौरान यह बैग यही छूट गया। पुलिस ने जगदीश से पूछताछ की, उसने बताया कि वह और बारां परसाद निवासी प्रदीप मीणा दोनों साईंनाथ माइंस नाडोल पाली में काम करते हैं। उन्हीं के गांव का रणजीत मीणा जो दूसरी माइंस में काम करता है। तीनों एक दिसंबर को अपने घर जाने के लिए बाइक से निकले थे। बाइक रणजीत चला रहा था। रणजीत ने बैग जगदीश को दिया था। घटना वाले दिन तीन बजे के करीब देलवाड़ा रोड पर बाइक का संतुलन बिगडने से दुर्घटना हो गई। इसमें रणजीत की मौत हो गई। उसके शव को देलवाडा हॉस्पिटल में रखा गया। जगदीश का कहना था कि उसे और प्रदीप को उदयपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया। बैग एक्सरे. करते समय नीचे रखा था और वहीं रह गया।
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