उदयपुर

Akshaya Tritiya 2023: लाडो की पुकार… बाबा मत करो बालविवाह

Akshaya Tritiya 2023: आखातीज पर अभी भी गुपचुप बड़ी संख्या में बालविवाह होते हैं वहीं प्रदेश में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां बेटियां बाल विवाह के बंधन से मुक्त होकर अलग-अलग क्षेत्रों में मुकाम हासिल कर रही हैं।

उदयपुरApr 21, 2023 / 11:48 am

Akshita Deora

मोहम्म्द इलियास/उदयपुर. Akshaya Tritiya 2023: आखातीज पर अभी भी गुपचुप बड़ी संख्या में बालविवाह होते हैं वहीं प्रदेश में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां बेटियां बाल विवाह के बंधन से मुक्त होकर अलग-अलग क्षेत्रों में मुकाम हासिल कर रही हैं।

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समाज व अपनों का विरोध झेलकर बेटियां बड़ी होकर ससुराल जाने के बजाए कोर्ट पहुंच रही है। कारण, उन्हें बालपन में बांधा गया विवाह बंधन मंजूर नहीं है। वे अपना कॅरियर संवार रहीं हैं। राजस्थान में अलग-अलग जिलों में कोर्ट ने 49 बाल विवाह शून्य घोषित किए हैं। वहीं 1700 से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए गए हैं। जोधपुर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, उदयपुर में बालिकाओं ने बालिग होने के बाद परिजन के फैसले के खिलाफ जाकर बाल विवाह शून्य के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने अब तक पूरे राज्य में 49 बाल विवाह निरस्त करवाए हैं।

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अलवर निवासी और अजमेर में इंजीनियरिंग उत्तीर्ण कर चुकी 23 वर्षीय कविता (बदला हुआ नाम) का ढाई साल की उम्र में विवाह हुआ था। भविष्य पर खतरा देख कविता ने अजमेर पारिवारिक न्यायालय में वाद दायर किया। कोर्ट ने कविता का बाल विवाह निरस्त किया।

 

राजस्थान में करीब 4 वर्षों में 49 बाल विवाह निरस्त हो चुके हैं तथा संस्था ने 1700 से अधिक बाल विवाह रुकवाए हैं। बाल विवाह निरस्त की मुहिम में राजस्थान देश में अव्वल बन गया है। हमारी कोशिश है कि देश व प्रदेश में बाल विवाह केवल किताबों में ही सिमट जाए।
– डॉ. कृति भारती, मैनेजिंग ट्रस्टी. सारथी ट्रस्ट एवं पुनर्वास एवं एडवोकेट जोधपुर

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