वजन के कारण चर्चा में
डॉक्टर हाथी, शो में सबसे ज्यादा अपने वजन की वजह से चर्चा में रहते थे। ये बात कम लोग ही जानते हैं कि एक्टर आजाद कभी अपने मोटापे से परेशान थे। रोजाना के काम कर पाना भी मुश्किल था। वो एक वक्त मोटापे से इतने बीमार हो गए थे कि वेंटीलेटर पर चले गए थे। तब उनकी मुलाकात एक डॉक्टर से हुई। उन्होंने सर्जरी के जरिए वजन कम करने की सलाह दी।
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इंटरव्यू के दौरान किया खुलासा
एक्टर ने इस सलाह को माना और फिर मानो चमत्कार हो गया। उन्होंने एक इंटरव्यू में ये पूरा वाकया बताते हुए कहा था, ‘सर्जरी से मेरा 80 किलो कम हो गया था। मानो मेरा जीवन बदल गया। वजन कम होने के बाद मैंने नए सिरे से जीवन को शुरू किया। मुझे देखने आने वाले लोग अक्सर हैरान हो जाते थे कि मैं कितना बदल गया हूं।’
कराई थी सर्जरी
कविराज ने साल 2010 में अपनी इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी कराई जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।उन्हें घर-घर तक अपने इस किरदार के लिए शोहरत मिली हुई थी। हाल ही में एक्टर के ट्विटर अकाउंट से एक तस्वीर पोस्ट की गई थी। इस तस्वीर में एक्टर ने कहा था, किसी ने कहा है कल हो न हो, मैं कहता हूं पल हो न हो. हर लम्हा जियो. एक्टर की मौत से टीवी इंडस्ट्री को बहुत बड़ा झटका लगा है।
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ट्वीट कर दी मौत की जानकारी:
बता दें कि कवि कुमार की मौत की जानकारी आरजे आलोक ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘महाराष्ट्र के मीरा रोड वॉकहार्ट हॉस्पिटल में डॉ. हंसराज हाथी का हार्टअटैक से निधन हो गया है।’ वहीं कुछ दिन पहले ही एक्टर कवि ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक तस्वीर पोस्ट की गई थी। इस तस्वीर के साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा था- ‘किसी ने कहा है कल हो न हो, मैं कहता हूं पल हो न हो। हर लम्हा जियो।’
फिल्मों में किया काम:
कवि कुमार ने छोटे पर्दे के अलवा कई फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने आमिर खान की फिल्म ‘मेला’ और परेश रावल के साथ फिल्म ‘फंटूश’ जैसी कई फिल्मों में काम किया। लेकिन सही मायने में उनको ‘तारफ मेहता का चश्मा’ से घर में मिली पहचान मिली।
इस तरह किया था 80 किलो वजन कम:
खबरों की मानें तो कवि कुमार ने 2010 में अपना 80 किलो वजन सर्जरी से कम किया था। वजन कम होने के बाद उनकी जिंदगी काफी आसान हो गई थी। जो कि पहले काफी मुश्किलों भरी थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘मुझे खुशी है कि लोगों ने मुझे मेरे किरदार के लिए पसंद किया।’
शो की बात करें तो ये शो गुजराती में छपे एक कॉलम ‘दुनिया ने उन्धा चश्मा’ (Duniya Ne Undha Chashma) का हिस्सा है। इसे पत्रकार तारक मेहता ने गुजराती की साप्ताहिक पत्रिका ‘चित्रलेखा’ के लिए लिखा था। वहीं ये शो करीब 10 साल पहले 28 जुलाई, 2008 में आॅन एयर हुआ था।