फ्रैक्चर के बाद काटना पड़ा पैर महज 3 साल की उम्र से ही सुधा चंद्रन ने भरतनाट्यम सीखना शुरू कर दिया था। सुबह स्कूल के बाद वह डांस स्कूल जाया करती थीं और रात को 9 बजे के बाद घर पहुंचती थीं। 10वीं क्लास के बाद सुधा ने साइंस के बजाए आर्ट्स को चुना। वह चाहती थीं कि वह अपने डांस को भी वक्त दे सकें। लेकिन एक दिन वह हादसे का शिकार हो गईं। दरअसल, जिस बस से सुधा जा रही थीं उसका एक्सीडेंट हो गया। सुधा के पैर में फ्रैक्चर हो गया। डॉक्टर्स ने उनके पैर की पट्टी कर दी। लेकिन कुछ वक्त बाद उनके घाव में गैंगरिन हो गया। जिसके बाद उनके पैर के पंजे को अलग करना पड़ा।
नकली पैर के साथ किया डांस डांसर बनने का सपना देख रहीं सुधा के सपने एक पल में ही चकनाचूर हो गए थे। डॉक्टरों ने उन्हें प्रोस्थेटिक लेग (जयपुर फुट) लगाया। सुधा ने हिम्मत नहीं हारी और नकली पैर के साथ ही अपने डांसर बनने के सपने को पूरा करने का फैसला किया। कुछ वक्त तक उन्हें काफी दिक्कत हुई। उन्हें सीधा चलने में चार महीने लग गए थे। लेकिन फिर उन्होंने दोबारा डांस करना शुरू किया। उसके बाद सुधा को सेंट जेवियर्स में परफॉर्म करने का ऑफर मिला। वह काफी डरी हुई थीं। लेकिन परफॉर्मेंस के बाद उन्हें स्टैडिंग ओवेशन मिला। सुधा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके परिवार, दोस्तों और डॉक्टर्स ने उनका इतना साथ दिया कि एक पल के लिए वह भूल ही गईं कि उनका एक पैर नहीं है। इसके बाद सुधा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, कतर, कुवैत जैसे देशों में अपने डांस का परचम लहराया।
निगेटिव किरदार में हुईं हिट डांस के साथ-साथ उनका एक्टिंग करियर भी शुरू हुआ। साल 1895 में आई फिल्म ‘मयूरी’ उनकी पहली फिल्म थी। ये फिल्म डांस बेस्ड थी। उन्होंने कई सारे टीवी सीरियल्स में भी काम किया। सीरियल ‘कहीं किसी रोज’ में सुधा ने रमोला सिकंद का रोल प्ले किया था। वह निगेटिव किरदार में थीं और उनका ये किरदार हिट हो गया। इसके अलावा सुधा ने नागिन सीरियल के पहले, दूसरे और तीसरे सीजन में निगेटिव रोल किया था। जिसमें उन्हें काफी पॉपुलैरिटी मिली। सुधा ने कई हिट टीवी सीरियल्स में काम किया है। साथ ही, वह ‘शोला और शबनम’, ‘अंजाम’, ‘हम आपके दिल में रहते हैं’, ‘शादी करके फंस गया यार’ और ‘मालामाल वीकली’ जैसी फिल्मों में भी नजर आ चुकी हैं।