नई दिल्ली: लॉकडाउन के बाद लोगों की डिमांड पर ‘रामायण’ (Ramayan) को फिर से टीवी पर प्रसारित कर दिया गया है। ‘रामायण’ रामानंद सागर (Ramanand Sagar) के निर्देशन में बनी थी। 80 के दशक में जब ‘रामायण’ टीवी पर आती थी तो सड़कों पर कर्फ्यू जैसा माहौल बन जाता था। इसके सभी पात्रों को दर्शकों ने काफी प्यार दिया। यहां तक कि राम, सीता और लक्ष्मण का किरदार करने वाले एक्टर्स को लोग भगवान ही मानने लगे थे। हालांकि शो के कई पात्रों को नफरत का भी सामना करना पड़ा। जिसमें एक थी मंथरा का किरदार करने वालीं एक्ट्रेस ललिता पवार (Lalita Pawar)। इनके किरदार को देखने के बाद लोग इन्हें घृणा की नजरों से देखने लगे थे।
काफी दर्दनाक थी ‘विभीषण’ की मौत, रेलवे ट्रैक पर मिली थी लाश, बेटे की मौत से टूट चुके थे ललिता पवार (Lalita Pawar) ने 700 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उनकी एक्टिंग से प्रभावित होकर ही रामानंद सागर ने उन्हें मंथरा का रोल ऑफर किया था। मंथरा के किरदार को ललिता ने इस तरह जीया को सभी उनकी एक्टिंग से हैरान रह गए थे। कैकयी की दासी मंथरा के रोल में ललिता पवार ने अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी। लेकिन मंथरा का किरदार करने के बाद जहां ललिता की एक्टिंग की तारीफ की गई तो वहीं कुछ लोग थे उनसे नफरत भी करने लगे थे।
जब ललिता कही पब्लिक प्लेस में जाती थीं तो लोग उन्हें भला बुरा कहकर घृणा की नजरों से देखते थे। हालांकि ललिता पवार ने कभी इन लोगों को तवज्जों नहीं दी। उन्हें इस बात की खुशी थी कि लोगों को उनकी एक्टिंग वास्तवित लगी। आपको बता दें कि एक्टिंग के दौरान ही ललिता पवार के साथ एक बड़ा हादसा हो गया था।
साल 1942 में फिल्म ‘जंग ए आजादी’ की शूटिंग के दौरान भगवान दादा को ललिता को एक थप्पड़ मारना था। लेकिन दूरी का सही अंदाजा न लगा पाने के कारण थप्पड़ सही में ललिता को लग गया। ये थप्पड़ इतना जोरदार था कि वह जमीन पर गिर पड़ीं। उनकी एक आंख की नस फट गई थी। लेकिन इस हादसे ने उन्हें एक नई पहचान दिलाई। दबी हुई आंख और निगेटिव किरदार में ललिता पवार ने अपनी छाप छोड़ी।