आर्मी बैकग्राउंड पर बेस्ड
मेरा किरदार आर्मी बैकग्राउंड वाले परिवार से है। मैं कर्नल मोहन तिवारी (अहमद खान) की पोती और ब्रिगेडियर विजय तिवारी (अनुराग अरोड़ा) की बेटी बनी हूं। सुमन बहुत अनुशासित लड़की है और हमेशा वक्त की पाबंद रहती है। वो सुबह जल्दी उठ जाती है और स्कूल के लिए तैयार होने से पहले वॉक पर जाती है। उसका सपना है कि वो अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए सेना में शामिल हो। उसे अपने आर्मी बैकग्राउंड पर गर्व है और वो सामान्य नागरिकों (सिविलियंस) को नीची नजरों से देखती है, क्योंकि वो अनुशासन की कद्र नहीं करते।
मेरा किरदार आर्मी बैकग्राउंड वाले परिवार से है। मैं कर्नल मोहन तिवारी (अहमद खान) की पोती और ब्रिगेडियर विजय तिवारी (अनुराग अरोड़ा) की बेटी बनी हूं। सुमन बहुत अनुशासित लड़की है और हमेशा वक्त की पाबंद रहती है। वो सुबह जल्दी उठ जाती है और स्कूल के लिए तैयार होने से पहले वॉक पर जाती है। उसका सपना है कि वो अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए सेना में शामिल हो। उसे अपने आर्मी बैकग्राउंड पर गर्व है और वो सामान्य नागरिकों (सिविलियंस) को नीची नजरों से देखती है, क्योंकि वो अनुशासन की कद्र नहीं करते।
पहले सीजन से अलग
दिलचस्प बात यह है कि हमें कहा गया था कि उसे ना देखें। पहले सीजन की कहानी इस बार से बिल्कुल अलग है और किरदारों के स्केच भी नए हैं। लीड किरदारों के नाम के अलावा इसमें कुछ भी समानता नहीं है। पहले सीजन में श्रवण एक शर्मीला और अनुशासित इंसान था, जबकि लड़की बहुत बातूनी और चुलबुली थी। लेकिन इस सीजन में इसका बिल्कुल उल्टा है। सुमन एक अनुशासित लड़की है, जो सैन्य परिवार से है और सेना में शामिल होकर अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाना चाहती है, जबकि श्रवण बड़ा बेपरवाह इंसान है, जो सिर्फ जिंदगी का लुत्फ उठाना चाहता है।
दिलचस्प बात यह है कि हमें कहा गया था कि उसे ना देखें। पहले सीजन की कहानी इस बार से बिल्कुल अलग है और किरदारों के स्केच भी नए हैं। लीड किरदारों के नाम के अलावा इसमें कुछ भी समानता नहीं है। पहले सीजन में श्रवण एक शर्मीला और अनुशासित इंसान था, जबकि लड़की बहुत बातूनी और चुलबुली थी। लेकिन इस सीजन में इसका बिल्कुल उल्टा है। सुमन एक अनुशासित लड़की है, जो सैन्य परिवार से है और सेना में शामिल होकर अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाना चाहती है, जबकि श्रवण बड़ा बेपरवाह इंसान है, जो सिर्फ जिंदगी का लुत्फ उठाना चाहता है।
बहुत कुछ सीखने को मिला
मेरे परिवार में कोई भी आर्मी में नहीं है। ऐसे में पूरा आर्मी बैकग्राउंड और लाइफस्टाइल मेरे लिए वाकई नई है। मुझे इस शो का हिस्सा बनने की बेहद खुशी है, क्योंकि मुझे सैन्य कर्मियों से बात करने और उनकी जीवनशैली समझने का मौका मिल रहा है। वे बहुत अनुशासित होते हैं और वो जिस तरह से वक्त की कद्र करते हैं, वह काबिले तारीफ है। मुझे लगता है कि यदि हम उनके मूल्यों को अपनी जिंदगी में उतारें तो हम अपनी जिंदगी में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। अब जबकि मैं सुमन का रोल निभा रही हूं तो मैं ऐसे दिनों में भी सुबह 5 बजे सोकर उठ जाती हूं, जब हमारी सुबह की शूटिंग नहीं होती है। इससे मैं अपने रोज के काम समय पर निपटा लेती हूं और मुझे सारा दिन फ्रेश लगता है।
मेरे परिवार में कोई भी आर्मी में नहीं है। ऐसे में पूरा आर्मी बैकग्राउंड और लाइफस्टाइल मेरे लिए वाकई नई है। मुझे इस शो का हिस्सा बनने की बेहद खुशी है, क्योंकि मुझे सैन्य कर्मियों से बात करने और उनकी जीवनशैली समझने का मौका मिल रहा है। वे बहुत अनुशासित होते हैं और वो जिस तरह से वक्त की कद्र करते हैं, वह काबिले तारीफ है। मुझे लगता है कि यदि हम उनके मूल्यों को अपनी जिंदगी में उतारें तो हम अपनी जिंदगी में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। अब जबकि मैं सुमन का रोल निभा रही हूं तो मैं ऐसे दिनों में भी सुबह 5 बजे सोकर उठ जाती हूं, जब हमारी सुबह की शूटिंग नहीं होती है। इससे मैं अपने रोज के काम समय पर निपटा लेती हूं और मुझे सारा दिन फ्रेश लगता है।
रियल लाइफ में डिफरेंट
मैं कभी अनुशासनहीन लड़की नहीं रही हूं, इसलिए मैं रियल लाइफ में भी काफी कुछ सुमन की तरह हूं। मैं किसी भी चीज को बहुत पहले प्लान कर लेती हूं और यदि चीजें मेरे शेड्यूल के हिसाब से नहीं होती, तो मैं तनाव में आ जाती हूं। फर्क सिर्फ इतना है कि सेना का मेरा अनुभव बिल्कुल नया है और यह कुछ ऐसा है जिसे मैं वाकई एंजॉय कर रही हूं।
मैं कभी अनुशासनहीन लड़की नहीं रही हूं, इसलिए मैं रियल लाइफ में भी काफी कुछ सुमन की तरह हूं। मैं किसी भी चीज को बहुत पहले प्लान कर लेती हूं और यदि चीजें मेरे शेड्यूल के हिसाब से नहीं होती, तो मैं तनाव में आ जाती हूं। फर्क सिर्फ इतना है कि सेना का मेरा अनुभव बिल्कुल नया है और यह कुछ ऐसा है जिसे मैं वाकई एंजॉय कर रही हूं।
स्टार्स के साथ अच्छी बॉन्डिंग
हमारे बीच बहुत अच्छा तालमेल है। हम लोग स्क्रिप्ट पढ़ने और लुक टेस्ट देने के समय से ही आपस में घुल-मिल गए थे। शूटिंग शुरू होते तक तो हम लोग एक दूसरे के साथ बहुत कम्फर्टेबल हो गए। हम लोग भोपाल में इस शो की शूटिंग कर रहे हैं और अपने परिवार से दूर रह रहे हैं। इसके कास्ट और क्रू परिवार की तरह बन गए हैं, खासतौर से मोहित कुमार। मैं ऐसी इंसान हूं, जिसे बहुत जल्दी चोट लगती है और जिस सीक्वेंस में भी मुझे कूदना या दौड़ना होता है, उसमें मैं खुद को घायल करती रहती हूं। अब सब ये बात जान चुके हैं और इसलिए वो मेरा अच्छी तरह ख्याल रखते हैं।
हमारे बीच बहुत अच्छा तालमेल है। हम लोग स्क्रिप्ट पढ़ने और लुक टेस्ट देने के समय से ही आपस में घुल-मिल गए थे। शूटिंग शुरू होते तक तो हम लोग एक दूसरे के साथ बहुत कम्फर्टेबल हो गए। हम लोग भोपाल में इस शो की शूटिंग कर रहे हैं और अपने परिवार से दूर रह रहे हैं। इसके कास्ट और क्रू परिवार की तरह बन गए हैं, खासतौर से मोहित कुमार। मैं ऐसी इंसान हूं, जिसे बहुत जल्दी चोट लगती है और जिस सीक्वेंस में भी मुझे कूदना या दौड़ना होता है, उसमें मैं खुद को घायल करती रहती हूं। अब सब ये बात जान चुके हैं और इसलिए वो मेरा अच्छी तरह ख्याल रखते हैं।