‘आप अपनी बेटी का हाथ मेरे हाथ में दे दीजिए’
आदित्य नारायण ने पिंकविला को दिए इंटरव्यू में बताया कि कैसे वे श्वेता के पैरेंट्स से शादी के बारे में बोले। उन्होंने कहा,’मैंने कहा कि मुझे इसकी परवाह नहीं कि कितने लोग आएंगे। मुझे ये भी परवाह नहीं कि शादी कहां करेंगे, बस आप अपनी बेटी का हाथ मेरे हाथ में दे दीजिए और बस कर दीजिए। सौभाग्य से, जब दिसंबर में हमारी शादी हुई तो चीजें पहले से ज्यादा बेहतर थीं। अब कोरोना की दूसरी लहर आ गई है, मुझे लगता है कि हमने सही चीज की। अब वह यहां है और अब मैं अपने आप को अकेला महसूस नहीं करता हूं।’
पास रहते, फिर भी मिल नहीं पाते
अपनी शादी के बारे में बात करते हुए आदित्य ने कहा,’कोविड के चलते हमारी शादी की प्रोसेस तेज हो गई, क्योंकि पिछले लॉकडाउन में हमारे बची कई सारे तर्क-वितर्क होते थे कि मैंने उन्हें ज्यादा मिस किया। हम जहां रहते हैं, उससे महज आधा किलोमीटर की दूरी पर वह रहती है, लेकिन फिर भी हम मिल नहीं पाते थे, इससे बहुत खिझ होती थी। आप चाहते हैं कि अपने प्यार करने वालों के साथ रहें, इसलिए तब मैंने निर्णय लिया कि इस लॉकडाउन के बाद एक—दूसरे के साथ समय बिताने को लेकर कोई तर्क-वितर्क नहीं होगा।’
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अब खुले रूप में प्यार
डेटिंग को लेकर आदित्य ने बताया,’बहुत लम्बा समय हो गया है और करीब एक दशक बाद जिससे मैं प्यार करता हूं उसके साथ खुले रूप में प्यार कर सकता हूं। मुझे लगता है कि चमक जो है वो राहत की है क्योंकि मेरे पास अब छिपाने के लिए कुछ नहीं है। मुझे लगता है कि ये बस राहत है कि सब जानते हैं और हम शादीशुदा हैं और सबका प्यार और दुआ हमारे साथ है।’
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‘पहले लॉकडाउन में वाकई खालीपन लगा’
आदित्य कहते हैं कि जब किसी के जीवन में कोई खास है, लेकिन वह उस व्यक्ति के साथ नहीं रह सकता है तो अकेलापन महसूस करता है। अगर मैं श्वेता से डेटिंग नहीं कर रहा होता, तो मुझे इस तरह का खालीपन नहीं लगता। लेकिन क्योंकि हम साथ थे और साथ हो नहीं सकते थे। पहले लॉकडाउन में मुझे वाकई में खालीपन लगा।’