ऑडिशन के लिए 12-12 घंटे लाइन में लगते थे योगेश
हाल ही में एक इंटरव्यू में योगेश त्रिपाठी ने अपने संघर्ष के दिनों याद करते हुए बताया कि कभी उन्हें ऑडिशन के लिए 12-12 घंटे लाइनों में लगना पड़ता था। कई बार लाइन में लगने के बाद भी ऑडिशन नहीं होता था। उन्होंने बताया कि उनका इंडस्ट्री में गॉडफादर नहीं है। वह मनोरंजन जगत में किसी को नहीं जानते थे। खुद पर भरोसा था, एक छोटे से रोल के लिए उन्होंने दो साल तक स्ट्रगल किया।
विज्ञापन से शुरू किया कॅरियर
बता दें कि योगेश त्रिपाठी ने विज्ञापन से अपने एक्टिंग कॅरियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्हें सबसे पहले टीवी शो ‘एफआईआर’ में काम करने का मौका मिला और यहीं से उन्हें लोगों ने नोटिस किया। 2015 में एंड टीवी के शो ‘भाबीजी घर पर हैं’ में दरोगा हप्पू सिंह के रोल के लिए उन्हें चुना गया। इस रोल ने मानो उनकी किस्मत ही बदल दी।
पापा से छुपकर किया नाटक में काम
योगेश बचपन से एक एक्टर बनना चाहते थे। 12वीं के बाद पिता जी ने उनका एडमिशन बीएससी में लखनऊ में करा दिया। यहां पहुंचकर उन्होंने नाटक मंडली ज्वॉइन की। वह पापा से छुपकर नाटक में काम करते थे। मुंबई जाने के बाद कई बार ऐसा हुआ कि उन्हें स्टेशन पर अपनी रात बितानी पड़ी।