‘हप्पू की उलटन-पलटन’ एक्टर संजय चौधरी के साथ गुंडों ने की लूटपाट, वीडियो शेयर कर बताई पूरी घटना लॉकडाउन में आए थे घर दरअसल, रामवृक्ष होली पर मुंबई से अपने पुस्तैनी घर बच्चों के साथ आजमगढ़ आए थे। मुंबई वापस लौटने से पहले ही लॉकडाउन लग गया। कई दिनों तक इंतजार करने के बाद भी जब स्थिति ठीक नहीं हुई तो अपने परिवार का पेट पालने के लिए अपने ग्यारहवीं में पढ़ने वाले अपने बेटे के साथ वह सब्जी बेचने का काम करने लग गए।
रामवृक्ष 2002 में अपने दोस्त निजामाबाद के साहित्यकार शाहनवाज खान की मदद मुंबई पहुंचे थे। यहां आकर पहले उन्होंने लाइट का काम किया। इसके बाद टीवी प्रोडक्शन में कई अन्य विभागों में अपना हाथ आजमाया। कई साल इसमें काम करने बाद जब उनका एक्सीपिरियंस बढ़ने लगा तो उन्हें निर्देशन विभाग में अवसर मिला। एक बार बतौर डायरेक्टर काम करने बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पहले सहायक निर्देशक, उसके बाद एपिसोड डायरेक्टर और फिर यूनिट डायरेक्टर का काम करते-करते रामवृक्ष आगे बढ़ते गए। इसके बाद उन्होंने मुंबई में एक रूम का फ्लैट भी घरीद लिया। लेकिन लॉकडाउन के कारण सबकुछ ठप्प पड़ गया।
फिल्मों में भी किया है काम बता दें कि रामवृक्ष ने बतौर यूनिट डायरेक्टर बालिका वधु, इस प्यार को क्या नाम दूं, कुछ तो लोग कहेंगे, हमार सौतन हमार सहेली, झटपट चटपट, सलाम जिंदगी, हमारी देवरानी, थोडी खुशी थोडा गम, पूरब पश्चिम, जूनियर जी जैसे सीरियल्स में काम किया। इसके साथ ही उन्होंने यशपाल शर्मा, मिलिंद गुणाजी, राजपाल यादव, रणदीप हुडा, सुनील शेट्टी की फिल्मों के निर्देशकों के साथ सहायक निर्देशन के तौर पर भी काम किया है।