अनुपमा को याद स्वीटी की बचपन
अनुपमा को याद आता है कि कैसे जब स्वीटी छोटे में उनसे जिद्द करती थी कि उसे मम्मी ही चाहिए। बचपन में स्वीटी अनुपमा से कहती है कि वो चाहती है कि वो उसका डांस परफॉर्मेंस देखने के लिए वो वहां होनी चाहिए। स्वीटी मां अनुपमा से वादा भी लेती है कि वो हमेशा उसका डांस परफॉर्मेंस देखेंगी। अनुपमा को याद आता है स्वीटी ने उन्हें जाने को कहा है।
अनुपमा समर और नंदनी के सामने खूब रोती है। वो कहती है कि कैसे उसने अपने बच्चों को दिल में बिठाया है। वो चाहती है कि वो पाखी से लड़े, झगड़े और हो सके तो उसे थप्पड़ तक मार दे। लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकती। क्योंकि वो उसकी मां जो हैं। ये देख समर कहता है कि वो कहीं जाएगी।
बॉ-बाबू जी को सताई अनुपमा की चिंता
तभी ऑडियंस में बैठा अनुपमा का परिवार स्कूल के बच्चों के परफॉर्मेंस को एन्जॉय करते हैं। बॉ परफॉर्मेंस देख कहती है कि पाखी और काव्या के लिए ये कम्पटीशन जीतना काफी मुश्किल हो गया है। तभी बाबू जी कहते हैं कि ऐसे नहीं कहते। वनराज कहता है कि ऐसे कम्पटीशन में भाग लेना ही काफी जरूरी होता है। तभी बॉ कहती है कि अगर वो हार जाएंगे को मारपीट करके ट्रॉफी लें ही लेंगे। नहीं जीते तो सब अनुपमा को दोषी ठहराएंगे।
समर ने रोका अनुपमा को
समर अनुपमा को मदद करता है और डांस स्टेज के पास ऐसी जगह दिखाता है। जहां से वो पाखी की डांस को देख सकें। अनुपमा कहती है कि ये गलत है। तब समर याद दिलाता है कि जब पाखी बस स्टैंण्ड तक जाना सीख गई थी। तब भी वो पाखी के पीछे छुपकर जाती थीं। अनुपमा बात को समझती हैं और स्टेज के पीछे से पाखी का परफॉर्मेंस देखने के लिए खड़ी हो जाती है।
समर ने पाखी को दी हिम्मत
समर नंदनी को बताते हुए जा रहा होता है। तभी पाखी और काव्या उसे मिल जाता है। समर पाखी को ऑल द बेस्ट कहता है और उसे कहता है कि वो बेस्ट है। ऑडियंस से आंखें ना मिलाए। बस अपनी परफॉर्मेंस पर ध्यान दें। तभी पाखी पूछती है कि तोषो भाई आएं हैं। समर कहता है नहीं। तब काव्या कहती है कि जैसी मां वैसा बेटा। दोनों को बस भाषण देना आता है। ये सुनकर काव्या पाखी को लेकर चली जाती है।
पाखी को छोड़ भागी काव्या
पाखी और काव्या का परफॉर्मेंस अनाउंस किया जाता है। तभी टेक्निकल प्रॉब्लम हो जाती है। इसी बीच काव्या कहीं चली जाती है। जिसे ढूंढने के लिए पाखी उसके पीछे चली जाती है। पाखी हर तरफ काव्या को ढूंढती है लेकिन उसे वो कहीं नहीं मिलती। जिसकी वजह से वो काफी परेशान हो जाती है। ये देख अनुपमा समझ जाती है कि पाखी परेशानी में है। पाखी और काव्या का सब इंतजार कर रहे होते हैं। वहीं पाखी टेंशन में खड़े होकर उन पलों को याद करती है।
जब वो अपनी मां अनुपमा से लड़ती है। वो सोचती है कि कैसे उसने अपनी मां को कहा था कि वो दिखा देगी कि वो उसके बिना भी चल सकती है।जिसके बाद प्रिसिंपल मैम फिर से बताती है कि टेक्निकल प्रॉब्ल होने की वजह से दिक्कत हो गई थी। वो फिर से पाखी और काव्या का नाम अनाउंस करती हैं। लेकिन पाखी आती नहीं है।
फोन पर बिजी काव्या
वहीं दूसरी ओर दिखाया जाता है कि काव्या अपना फोन लेने के लिए वापस कमरे में जाती है। जहां वो देखती है कि उसके फोन पर कई कॉल्स आई हैं। साथ ही उसकी दोस्त का मैसेज आया है कि वो फोन उठाए। नहीं तो उसको नहीं मिलेगी। काव्या ये देख हैरान हो जाती है और कहती है कि भाड़ में जाए परफॉर्मेंस और फोन लेकर बाहर बात करने चली जाती है। पाखी फोन मिलाती है तो काव्या का फोन बिजी जा रहा होता है। काव्या पाखी का फोन देखकर भी उसके पास नहीं जाती है।
( Precap- पाखी और काव्या का नाम परफॉर्मेंस के लिए पुकारा जाता है। लेकिन स्टेज पर पाखी के साथ अनुपमा आती है। ये देख पूरा परिवार हैरान हो जाता है। अनुपमा और पाखी डांस करते हैं। ये देख काव्या का मुंह बन जाता है। )