नौकरी को मना करने पर बाबू जी ने समझाया काव्या को
काव्या के पास फोन आता है और उसे पता चलता है कि वो नौकरी के शार्ट लिस्ट हो गई हैं। बाबू जी बॉ को बताते हैं कि काव्या नौकरी को लेकर बात कर रही है। काव्या को सैलरी कम ऑफर होती है इसलिए वो नौकरी करने से मना कर देती है। काव्या की बात सुनकर बाबू जी उसके पास आते हैं और कहते हैं कि वो नौकरी की बात कर रही थी। तब उनके कानों में ये बात आई। बाबू जी समझाते हैं कि जो भी नौकरी मिलती है वो कर ले।
काव्या कहती है कि उसे कभी भी कोई भी नौकरी मिल सकती है। बॉ कहती है कि पहले वनराज भी ऐसा कहा करता था। बाबू जी कहते हैं कि भगवान करें उसे वही नौकरी मिले जिसमें उसे खुशी मिलती है। बॉ बाबू जी के जाने के बाद काव्या सोचती है कि नौकरी छोड़े हुए कुछ ही दिन हुए हैं। उसका दम घुटने लगा है। पता नहीं अनुपमा ने कैसे इतने दिन गुज़ारे हैं।
परेशानी में वनराज
काव्या तभी देखती है कि मुंह लटकाए वनराज घर आता है। वो उसे आवाज़ लगाती है। मगर सुनता नहीं है। तभी उसके पीछे अनुपमा और समर भी आते हैं। जो काफी परेशान लगते हैं। तभी काव्या कहती है कि लगता है कि बड़ी प्राब्लम है। काव्या वनराज के पास कमरे में जाती है और पूछती है कि क्या हुआ है? क्या अनुपमा से लड़ाई हुई? कैफे में कोई दिक्कत हुई है? लेकिन वनराज कुछ नहीं कहता।
वनराज की चीज़ों की तलाशी करती काव्या
खाने के टेबल पर किंचल वनराज संग ऑफिस के बारें में बात करती है। काव्या को खाने के टेबल पर ना देख बॉ पूछती है कि वो नहीं आई? काव्या वनराज के कमरे में उसकी चीज़ों की तलाशी ले रही होती है कि वो क्या छुपा रहा है। काव्या वनराज का लैपटॉप चैक करती है। लेकिन उसे कुछ नहीं मिलता है। खाने के टेबल पर तभी तोषो और पाखी के बीच झगड़ा हो जाता है। जिसे किंचल डांट लगाते हुए रोकती है। तभी तोषो भी आता है। मामा जी तोषो को खाने के लिए कहते हैं।
बाबू जी को काव्या ने बताया टैक्स चोर
खाने के टेबल पर वनराज और अनुपमा को चुप देख बाबू जी उनसे पूछते हैं कि वो क्यों परेशान हैं? तभी काव्या आती है और कहती है कि उसे इन दोनों ने कुछ नहीं बताया लेकिन वो आपको बताएगी। वनराज, अनुपमा काव्या को चुप कराने की कोशिश करते हैं, लेकिन वो चुप नहीं होती। काव्या बाबू जी से कहती है कि वो इतनी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन खुद टैक्स चोर बनें रहे। ये बात सुनकर समर काव्या को चुप रहने के लिए कहता है। तभी काव्या समर पर चिल्ला पड़ती है। काव्या को चुप कराते हुए वनराज चिल्लाता है और उसे कहता है कि वो चुप करें। काव्या कहती है कि वो चुप हो जाएगी, लेकिन वो बताए कि वो टैक्स कैसे भरेगा।
राखी दवे फेंकी चैक बुक
20 लाख का टैक्स भरने की बात सुनकर बाबू जी काफी परेशान हो जाते हैं। वो अनुपमा से माफी मांगते हैं कि वो टैक्स नहीं भर पाए। तभी मामा जी कहते हैं कि वो भूल जाते हैं लेकिन जामनगर में उनकी कोई प्रोपर्टी होगी। तभी बाबू जी कहते हैं कि वहां कुछ नहीं है। काव्या वनराज से कहती है कि वो कैसे पैसे चुकाएगा। तभी राखी दवे की एंट्री होती है। वो अनुपमा के परिवार के सामने चैक बुक्स रख देती है।
अनुपमा के परिवार के राखी दवे ने की बेइज्जती
राखी देव पूरे परिवार को जलील करती है। उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाती है। राखी दवे अनुपमा को कहती है कि वो टैक्स ऑफिस जाए और वहां जाकर रोना-धोना करें। राखी दवे को उनकी बेटी किंचल घर जाने को कहती है। जिसे सुनकर राखी दवे कहती है कि पैसो की गड्डी शोर नहीं करती लेकिन चिल्लर करते हैं। यही नहीं बाबू जी को भी राखी दवे खूब सुनाती है। वनराज और अनुपमा बताते हैं कि वो दोनों लोन लेंगे। राखी देव उन्हें कहती है कि कौन-सा बैंक है जो उन्हें लोन देगा। जिसने कैफे और डांस एकेडमी अभी-अभी खोली होगी। राखी दवे अनुपमा को कहती है कि एक दिन उन्हें उसके कदमों में आना होगा।
अनुपमा ने समझाया राखी दवे को
अनुपमा राखी दवे को कहती है कि वो उनके कदमों में आएगी। जिसे सुनकर पूरा परिवार हैरान हो जाता है। अनुपमा बताती है कि उस कैफे और डांस एकेडमी से उनके परिवार की सारी उम्मीदें जुड़ी हुई है। पाखी-समर की पढ़ाई उनकी शादी। घर का सारा खर्चा। अनुपमा कहती है कि अभी भी उनके परिवार का स्वाभिमान हवा में उड़ रहा है। अनुपमा कहती है कि अभी वक्त है।
( Precap– काव्या पाखी को डांस सीखाने से मना कर देती है। ये देख अनुपमा उसकी मदद के लिए सोचती है। तभी नंदनी पाखी के पास जाती है। पाखी कहती है कि मम्मी खुद नहीं आई तो उसे भेज दिया। किंचल पाखी की उसके बर्ताव के लिए डांटती है, लेकिन पाखी सभी को अनुपमा के चम्मचे कह देती है। गुस्से में पाखी कहती है कि उसे इस घर से नफरत है और रो कर चली जाती है। ये देख अनुपमा रोने लगती है। )